बाँट कर हमने हर ख़ुशी अपनी फिर निखारी है ज़िन्दगी अपनी ज़िन्दा जब तक ज़मीर अपना है अपना सूरज है रौशनी अपनी ये दिखावा तुम्हें मुबारक हो हम को काफ़ी है सादगी अपनी हम को जीना अगर नहीं आया कुछ कमी है तो है कमी अपनी जैसे चाहो गुज़ार दो यारो ज़िन्दगी है ये आपकी [...]
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बाँट कर हमने हर ख़ुशी अपनी
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ख़ुदा सितारों सी बुलन्दी मत दे
ख़ुदा सितारों सी बुलन्दी मत दे ज़मीं पे रहने का सलीक़ा दे दे हरेक घर पर एक सा ही चमके हमें मुहाफ़िज़ चाँद सरीखा दे दे - इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' द्वारा रचित हिंदी शायरी [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More -
कच्ची माटी से घड़े
कच्ची माटी से घड़े, अलग अलग दे नाम । भांत भांत के ठामड़े, आवें जग के काम । - इक़बाल हुसैन इक़बाल इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' द्वारा रचित हिंदी दोहा [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More -
पावस ऋतु आ गई
लो, पावस ऋतु आ गई श्याम नभ पर छाई वो काली बदरी आ गई पंख फैलाकर मयुर नाचे घन-घन बादल गाजें कोयल की मधुर आवाज आई लो, पावस ऋतु आ गई रिम-झिम...रिम-झिम...बरसे प्रिय मिलन को गौरी तरसे सजन मिलन को वह आई रिते सब ताल-तलैया सारे सुखे पोखर-कुप हमारे ऐसी काली घटा छाई लो, पावस [...] More -
श्याम-वर्ण मेरा
श्याम-वर्ण मेरा, पर मन उजला था, तेरे श्वेत तन मे, बैठा एक मन घोर काला था। रूप-रंग, जोबन और यह माटी की काया, अज्ञानी, दूराचारी, पापी मन यह कब समझ पाया। नारी का सौन्दर्य, उसका आचरण-व्यहार है, मृदुल व स्नेह की डोर से बाँधती घर-संसार है। काम-वासना से दुषित, नर देह से रखता नाता है, [...] More -
जिसे देखने की आरज़ू है
सारी दुनिया दिख जाती है, नज़रें जब हम उठाते हैं। बस वो शख़्स ही नहीं दिखता, जिसे देखने की आरज़ू है।। एक दर्द उभर जाता है, सासें जब आती जाती हैं। बस वो शख़्स ही नहीं मिलता, जिसे पाने की आरज़ू है।। - एकता खान दिल की आरज़ू पर शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको [...] More -
वादे किए थे तुमने कई
आँखों में रोके हैं सागर हमने कई ज़ख़्म दिए हैं हमको तुमने कई भूल बैठे हो चाहत की बातें सभी मुझसे वादे किए थे तुमने कई याद आती हैं दिलकश शामें सभी ख़्वाब देखे थे मिलके हमने कई ग़ैर के साथ देखू जो तुमको कभी दिल में तूफ़ान रोके हैं हमने कई ख़ुश रहे तू [...] More -
कहाँ ज़िन्दगी की दुआ माँगते हैं
कहाँ ज़िन्दगी की दुआ माँगते हैं जुदा हो के उनसे कज़ा माँगते हैं रहे हम किसी पर न इक बोझ बन कर न कुछ और इसके सिवा माँगते हैं तिज़ारत नहीं है हमारी मुहब्बत वफ़ा का न हम कुछ सिला माँगते हैं सफ़र ज़िन्दगी का तो लगता है मुश्किल कोई हमसफ़र ऐ खुदा माँगते हैं [...] More -
दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा
दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा भूले से भी तुमको भुलाया न जाएगा लाखों जतन करें हम लक़ीरो को फेर दे तक़दीर का लिखा तो मिटाया न जायेगा छॊडॊ जनाब एहदे वफाओं का सिलसिला दर्दे-हयात तुमसे उठाया न जायेगा हम जी लेंगे जैसे चलेगी ये ज़िन्दगी लेकिन ये हाथ तुमसे मिलाया न जायेगा यों [...] More