बाँट कर हमने हर ख़ुशी अपनी फिर निखारी है ज़िन्दगी अपनी ज़िन्दा जब तक ज़मीर अपना है अपना सूरज है [...]
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बाँट कर हमने हर ख़ुशी अपनी
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ख़ुदा सितारों सी बुलन्दी मत दे
ख़ुदा सितारों सी बुलन्दी मत दे ज़मीं पे रहने का सलीक़ा दे दे हरेक घर पर एक सा ही चमके [...] More -
कच्ची माटी से घड़े
कच्ची माटी से घड़े, अलग अलग दे नाम । भांत भांत के ठामड़े, आवें जग के काम । - इक़बाल [...] More -
पावस ऋतु आ गई
लो, पावस ऋतु आ गई श्याम नभ पर छाई वो काली बदरी आ गई पंख फैलाकर मयुर नाचे घन-घन बादल [...] More -
श्याम-वर्ण मेरा
श्याम-वर्ण मेरा, पर मन उजला था, तेरे श्वेत तन मे, बैठा एक मन घोर काला था। रूप-रंग, जोबन और यह [...] More -
जिसे देखने की आरज़ू है
सारी दुनिया दिख जाती है, नज़रें जब हम उठाते हैं। बस वो शख़्स ही नहीं दिखता, जिसे देखने की आरज़ू [...] More -
वादे किए थे तुमने कई
आँखों में रोके हैं सागर हमने कई ज़ख़्म दिए हैं हमको तुमने कई भूल बैठे हो चाहत की बातें सभी [...] More -
कहाँ ज़िन्दगी की दुआ माँगते हैं
कहाँ ज़िन्दगी की दुआ माँगते हैं जुदा हो के उनसे कज़ा माँगते हैं रहे हम किसी पर न इक बोझ [...] More -
दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा
दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा भूले से भी तुमको भुलाया न जाएगा लाखों जतन करें हम लक़ीरो को [...] More