हर जज़्बे से पहले, जज़्बाए इन्सानी याद रखो ख़ाक वतन की चूमो, ये ख़ाके लासानी याद रखो अमृत देती नदिया, सोने जैसी धरती, हाथ लगी जन्म नहीं मामूली, ये, ये है वरदानी, याद रखो मत नफरत में उलझों, वक्त है अभी सुलझो, रे सुलझो सब अपने अपने उन, अपनों की कुर्बानी, याद रखो हाथ मिला [...]
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हर जज़्बे से पहले
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मयकदे फीके पड़े सब
मयकदे फीके पड़े सब, देखकर आँखे तेरी मयकशों के दर्मियाँ होने लगीं बातें तेरी होंठ खिलते दो कमल से, नैन ठहरी झील से इक सुराही सी हिले है, जब चलें सांसे तेरी क्या खुदा ने हुस्न बख्शा क्या अता की खुशरवी चांद तारे खुद बनाऐं, खुशनुमा रातें तेरी साथ तेरा मिल गया जो, यूं लगा [...] More -
चमक दमक से चाँदी की
चमक दमक से चाँदी की ज़ात छुपे ना बाँदी की हुक्म चलाती है हम पर देखो हिम्मत मांदी की सूखे पीले पत्ते भी हंसी उडाएं आंधी की रिश्ते भूला वो पाकर चार कटोरी चाँदी की - इक़बाल हुसैन "इक़बाल" इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह [...] More -
अपनी जगह से वो
अपनी जगह से वो हटा तो हटा कैसे जाने नहीं था घटना फिर घटा कैसे दुश्मन नहीं था महफिले गैर में जिसका उसका गिरेबां अपनों में फटा कैसे आदत रही ना झुकना यूं कटा माना जो जानता था झुकना वो कटा कैसे पुरवा ना छोडे चलना धूप भी कायम ऐसी जगह छाये काली घटा कैसे [...] More -
सब कुछ जायेगा बदल
सब कुछ जायेगा बदल रख अच्छा व्यवहार फिर कैसे होगी बता लोगों से तकरार ठोक बजाकर तुम करो दुश्मन की पड़ताल फिर चलना भाई यहाँ तुम अपनी चाल चिड़िया बन कर मत रहो बन जाओ अब बाज दुश्मन बहुत उछल रहा कर दो उसका इलाज पहले अपना देश है फिर भाई परदेश जिसे नहीं मंजूर [...] More -
हमारी धड़कनों का शब्द
हमारी धड़कनों का शब्द बन्दे मातरम मेरा | ये धरती वीर राणा की शिवा के हौसले की है ये वाजीराव की धरती मराठा भोसले की है कि ये आजाद की धरती भगत उस्मान की धरती ये गौतम बुद्ध की धरती मदन की गोखले की है ये धरती राम सीता की ये कुन्ती कृष्ण गीता की [...] More -
किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर
किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर सबके भीतर खोट यहाँ पर कोई बाँटे बोतल शॉटल कोई फ़ेंके नोट यहाँ पर कोई धोती पगड़ी पहने कोई पहने कोट यहाँ पर अब तक कोई पुल न बना था अब है देखो बोट यहाँ पर जब से आयी तारिख़ वोट की मदिरा औ दा'लमोट यहाँ पर बढियाँ नेता [...] More -
हम जैसे दीवानों
हम जैसे दीवानों से ना उलझो नादानों तूफानों से ना उलझो पराऐ हाथ जलने-बुझने वालो जाओ जी परवानों से ना उलझो सुन लेना ए घाटी गली गुफाओं हम बिखरे दालानो से ना उलझो खैर मनाओ दिन चार गुलों बुलबुलों इन बहके वीरानों से ना उलझो जरदारो से कोई हर्ज़ नहीं है हिम्मत के धनवानों से [...] More -
मन को जो वश में
मन को जो वश में रखा होगी कभी न शाम मिल जायेगा फिर तुझे तुझको तेरा राम जब तक तुझ में सांस है अपनी रोटी सेक साँसों का दरबार है तेरा जीवन एक जब तक कुरसी पास है तब तक खा ले बेर जैसे ही कुरसी गयी हो जायेगा ढेर मन में जो ये गांठ [...] More