दिन भर की भाग दौड़ के बाद थके हारे पक्षी बेचारे अपने घास-फूस के घोसलों की और लौट रहे हैं [...]
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दिन भर की भाग दौड़
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दिल जो तुम से
दिल जो तुम से लगा नहीं होता ज़िन्दगी में मज़ा नहीं होता साथ जो छोड़ तुम चले जाते पास कुछ [...] More -
हर पल की तुम
हर पल की तुम बात न पूछो कैसे गज़री रात न पूछो बाहर सब कुछ सूखा सूखा अंदर की बरसात [...] More -
आदमी ख़ुद से
आदमी ख़ुद से मिला हो तो ग़ज़ल होती है ख़ुद से गर शिकवा गिला हो तो ग़ज़ल होती है अपने जज़्बात [...] More -
उड रहे गुलाल और अबीर
उड रहे गुलाल और अबीर, जश्न जीत का हो रहा है । कोई हारा कोई जीत गया, लोकतंत्र का शंखनाद [...] More -
खुबसूरत है जिंदगी
खुबसूरत है जिंदगी बस अपना खयाल कर। रख खुशी का हर पल तसवीर मे ढाल कर।। बसंत के बाद पतझड़ [...] More -
अब हर डाल पर एक गुलाब होगा
अब हर डाल पर एक गुलाब होगा। आंधियो से अब सारा हिसाब होगा।। जग गए इस बस्ती के सोए हुए [...] More -
शहरी आँधी में रमा,
शहरी आँधी में रमा, दूर हो गया गाँव । मीत! कहीं दीखे नहीं, पीपल बरगद छाँव।। पीपल बरगद छाँव, हाय! [...] More -
अपनापन हँसता नहीं, रोते हैं सम्बन्ध
अपनापन हँसता नहीं, रोते हैं सम्बन्ध । प्रीत-प्यार क बीच में, ये कैसी दुर्गन्ध ।। ये कैसी दुर्गन्ध, समझ में [...] More