तन मन धन पर उसका ही राज चले, हर एक मसले में ही दखल देती है। नून तेल लकड़ी में [...]
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तन मन धन पर उसका ही राज चले
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ये दिल जैसे जैसे मचलता रहेगा
ये दिल जैसे जैसे मचलता रहेगा वही दर्द ग़ज़लों में ढलता रहेगा ये फ़िरकापरस्ती का आलम जहाँ में कभी ख़त्म [...] More -
ज़िन्दगी बेजान है तेरे बिना
ज़िन्दगी बेजान है तेरे बिना कुछ नहीं आसान है तेरे बिना क्या कहें कैसे कहें ए जानेजाँ ज़िन्दगी हलकान है [...] More -
पावन हिमगिरि उतगं श्रृंग पर
पावन हिमगिरि उतगं श्रृंग पर, धवल हिम अति जमते देखा । जीवन सचिंत निज अंको मे, दिनकर रश्मि चमकते देखा [...] More -
जिंदगी मजबूरियो के सांचेे मे ढलती रही
जिंदगी मजबूरियो के सांचे मे ढलती रही, उम्मीद सब हमारी इक खांचे मे डलती रही। मेरे आंगन में भी धूप [...] More -
तुम चाहो तबेलो को बाजार कह दो
तुम चाहो तबेलो को बाजार कह दो। तुम चाहो पतझडो को बहार कह दो।। तुम्हारा ही राज है अभी यहाँ [...] More -
नदी बन बहती हो ग़ज़ल कुछ ऐसी हो
नदी बन बहती हो ग़ज़ल कुछ ऐसी हो सड़क से निकली हो गली में रहती हो ज़मी पर चलती हो [...] More -
हमने जब भी भीतर देखा
हमने जब भी भीतर देखा गहरा एक समन्दर देखा जाने कितना प्यारा होगा वो पंछी जिसका पर होगा [...] More -
ऐ रावण कब जलेगा
ऐ रावण कब जलेगा लंकापति रावण ने सीता अपहरण की सजा पाई । राज-पाट सब गँवाया लोक-लाज भी गँवाई । [...] More