एस डी मठपाल

एस डी मठपाल

उदयपुर के एस डी मठपाल जी उम्दा कवि व ग़ज़लकार हैं। उन्हें कई विधाओं में लिखने में महारत हासिल है जैसे कविता, क्षणिकाएं, हाइकू, गज़ल, लघु कथाएं, लेख आदि। उनका किसी भी विषय को वर्णित करने का तरीका बेहद प्रभावशाली है और उनकी रचनाएँ श्रोताओं को बाँध कर रखती है।

नाम: श्याम मठपाल

साहित्यिक उपनाम: जिज्ञासु

जन्म स्थान: 24 नवंबर,1955

जन्म स्थान: अल्मोड़ा, उत्तराखंड

वर्तमान पता: 3 D 26, गुप्तेश्वर नगर ,सेक्टर.7 ,उदयपुर (राज) – 313 002

शिक्षा: बी कॉम, एम. कॉम. राजस्थान विश्व विद्यालय व जीडीएमएम (IIMM)

सेवा: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से वरिष्ठ प्रबंधक के पद से सेवा निवृत

लेखन विधा: कविता ,गीत, ग़ज़ल ,लघु कथा, क्षणिकाएं, हाइकू, दोहे, मुक्तक व किसी भी विषय पर लेख लिखना व पत्र-व्यवहार करना।

विशेष उपलब्धि: आकाशवाणी से समय-समय पर कविताएँ प्रसारित, रेडियो के माध्यम से किसी भी सामाजिक विषय पर अपने विचार रखना, कई बड़े कवि सम्मेलनों में भागीदारी, कई बड़े कार्यक्रमों का संचालन, मैराथन में भागीदारी।

सामाजिक गतिविधि: पर्यावरण सरंक्षण के लिए सदैव प्रयत्नशील, जल व ऊर्जा बचत के लिए अपने स्तर पर कोशिश, झीलों की सफाई में शामिल होना, रेलवे स्टेशन , बस स्टैंड व सार्वजनिक स्थानों पर हमेशा स्वछता का पूरा ध्यान रखना व लोगो को प्रेरित करना।

पुस्तक: इंद्र धनुष के पीछे के रंग प्रकाशित (कविता संग्रह)

रचना प्रकाशन: राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति , दैनिक भास्कर,मधुमती, बच्चों की दुनियाँ, सरस्वती सुमन, बाल प्रहरी, ज्ञान-विज्ञानं, निराला उत्तराखंड, पछ्याङ, पहरु, दस्तक आदि पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित

प्राप्त सम्मान: राजस्थान पत्रिका द्वारा सर्वोत्तम पत्र पुरस्कार। अटल काव्य रत्न सम्मान व अन्य कई संगठनों द्वारा सम्मानित

लेखनी का उद्देश्य: हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान देना, प्रेम व भाईचारे को बढ़ावा देना, लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ाना व मजबूत करना।

प्रेरणा पुंज: परमहंस योगानंद

विशेषज्ञता: व्यावसायिक

रुचियाँ: पढ़ना, लिखना, रेडियो सुनना, योग, व्यायाम , ध्यान , जॉगिंग, डिबेट में भाग लेना, खेलों में रूचि लेना व फेसबुक पर रोज कुछ न कुछ पोस्ट करना।

विशेष रूचि: रेडियो पर किसी भी मुद्दे पर लाइव चर्चा।

मोबाइल/व्हाट्स ऐप: 7023090303

ईमेल: mathpal.sd@gmail.com

मठपाल जी की दो पंक्तियाँ

नदी न सही धारा ही बन जा,
इस दुनियाँ में किसी का सहारा बन जा।

एस डी मठपाल

अकबर खान 'शाद'
आप अपनी लेखनी में विषय को सरल शब्दों में खूबसूरती से सजाते हैं जिससे वे पाठकों व श्रोताओं के ह्रदय में सीधे उतर जाते हैं। सकारात्मक सोच, हंसमुख व्यक्तित्व और सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहना, आपकी उन खूबियों में है जो आपको दूसरों से जुदा करती है।
अकबर खान 'शाद'
एकता खान
आपका शब्दकोष वृहद है, आपकी लेखनी सधे हुए और भावपूर्ण शब्दों के प्रयोग से बेहद प्रभावी हो जाती है। आपके रचनाओं के प्रशंसकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। आपको बेहतरीन रचनाओं के निरंतर सृजन के लिए मुबारकबाद।
एकता खान
Children Welfare Society for Under Privileged Children
कवि सम्मलेन व्यवस्थापक

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