लूट रहे सब बदल के चेहरा सब अन्धे हैं जग है बहरा रिश्ते नातों की मत पूछो सब छिछले हैं [...]
More
-
लूट रहे सब बदल के चेहरा
-
कोयल कूके डाल पर
कोयल कूके डाल पर, हँसता फूल पलास। जल्दी आजा साजना, तड़फाये मधुमास।। तड़फाये मधुमास, दवा कुछ कर दे आकर; जागूँ [...] More -
मैं सदा हँसता रहा हूँ
मैं सदा हँसता रहा हूँ इसलिए ज़िन्दा रहा हूँ हार कैसे मान लूँ मैं आप का चेला रहा हूँ बेवफ़ा [...] More -
कुछ तो ऐसा रच नया
कुछ तो ऐसा रच नया, छन्द हँसै हर द्वार कवियों के दरबार से, दूर भगे भंगार छन्दों के दरबार से, [...] More -
नदी बन बहती हो ग़ज़ल कुछ ऐसी हो
नदी बन बहती हो ग़ज़ल कुछ ऐसी हो सड़क से निकली हो गली में रहती हो ज़मी पर चलती हो [...] More -
हमने जब भी भीतर देखा
हमने जब भी भीतर देखा गहरा एक समन्दर देखा जाने कितना प्यारा होगा वो पंछी जिसका पर होगा [...] More -
कौन किसकी मानता है अब यहाँ पर
कौन किसकी मानता है अब यहाँ पर वक़्त कैसा आ पड़ा है गुलसिताँ पर आज अपनों को दग़ा दे इस [...] More -
आज फिर में गुनगुनाना चाहता हूँ
आज फिर में गुनगुनाना चाहता हूँ हर क़दम पे मुस्कराना चाहता हूँ ऐ अंधेरे तू यहाँ से भाग जा अब [...] More -
प्यार की जो फ़सल बो गए
प्यार की जो फ़सल बो गए आदमी वो किधर को गए फूल ही फूल थे सब यहाँ कौन काँटे इधर [...] More