एक ज़रा सी भूल ने कैसा किया धमाल देख जला के रख दिया इज्जत का ये शाल कहने से पहले सनम ! खुद को मन में तोल अपने मन की बात तू फिर दूजों को बोल पहले तो झट कह गये कहना था जो आप और कर रहे बाद में देखो पश्चाताप ! कर न [...]
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एक ज़रा सी भूल ने
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बार बार क्यों लड़ रहे
बार बार क्यों लड़ रहे लड़ो एक ही बार बात हो आर पार की जीत हो या फिर हार जहाँ हँसें बच्चे सनम ! करें तोतली बात प्रात वहीँ हँसती सनम ! वहाँ न होती रात सनम नजर के फेर को, समझ गया जो शेर जो न समझा सनम इसे उसका बन्टा ढेर अपने घर [...] More -
मन को उससे जोड़ ले
मन को उससे जोड़ ले मन को कर न अधीर मन जो हुआ अधीर तो बढ़ जायेगी पीर मन ही मन मुस्का रहा काहे मनवा आज शायद साजन आ रहा समझ गया हिय राज मन किसकी है मानता मन पर किसका जोर मन है चंचल बाँवरा बांध न इससे डोर मन की तू मत बात [...] More -
मन से जो करता
मन से जो करता सदा सीधी सच्ची बात भाई वो खाता नहीं कभी न जग में मात तेरे मेरे बिच कुछ मन से नहीं जुड़ाव इसीलिए तो प्रीत का दिखा न कहीं पड़ाव जाते जाते कह गया जब वो मन की बात सुबहा बनकर हँस रही घर में उसके रात उसके मन से जब मिला [...] More -
एक मिनट में कर गया
एक मिनट में कर गया करना था जो काम और कभी सोचा नहीं क्या होगा अन्जाम उलटी सीधी बात में कुछ न रखा है यार कुछ जीवन को मोड़ दे, कर जीवन साकार सच के आँगन में हँसो रहो झूठ से दूर झूठों का विरोध करो कहलाओगे शूर मन विचलित सा हो रहा समझ न [...] More -
छोटी छोटी बात पर
छोटी छोटी बात पर सदा हुई तकरार फिर भी वो करते रहे इक दूजे से प्यार समय कितना बदल गया बदल गये हालात बिन मतलब करते नहीं मनुज किसी से बात मीत ! निभायें हम यहाँ इक ऐसा किरदार जब जायें रब के यहाँ अपना हो सत्कार दुख में भी हँसता रहा मानी कभी न [...] More -
कैसा आया है समय
कैसा आया है समय खुद का करे बखान अपने हाथों कर रहा अपना ही सम्मान जब तक फूल ख़िला रहा, रहा गले का हार जैसे ही मुरझा गया डाला एक किनार जब से काटे पेड़ ये सपन बनी सब छाँव उजड़ा उजड़ा सा लगे मुझको मेरा गाँव कौन यहाँ शैतान है कौन यहाँ इन्सान मुश्किल [...] More -
चलने से जो डर गया
चलने से जो डर गया डूबी जिसकी नाव भाई ! भर सकता नहीं कभी न उसका घाव भटकन में भटका रहा ढूंढी कभी न राह कैसे होगी तू बता पूरी उसकी चाह मार रहे हैं आदमी टूट रहा विश्वास मानवता की देख लो निकल रही है सांस आतंकी फैला रहे क़दम क़दम पर जाल ढीलापन [...] More -
सब कुछ जायेगा बदल
सब कुछ जायेगा बदल रख अच्छा व्यवहार फिर कैसे होगी बता लोगों से तकरार ठोक बजाकर तुम करो दुश्मन की पड़ताल फिर चलना भाई यहाँ तुम अपनी चाल चिड़िया बन कर मत रहो बन जाओ अब बाज दुश्मन बहुत उछल रहा कर दो उसका इलाज पहले अपना देश है फिर भाई परदेश जिसे नहीं मंजूर [...] More