Tag Archives: जगदीश तिवारी

  • मन को जो वश में

    मन को जो वश में रखा होगी कभी न शाम मिल जायेगा फिर तुझे तुझको तेरा राम जब तक तुझ [...] More
  • हर न मैंने पर दोहा, जगदीश तिवारी

    जख़्म मिले जग से बहुत

    जख़्म मिले जग से बहुत मानी कभी न हार और कभी तोड़ा नहीं अपनों से व्यवहार करना जो चाहा यहाँ [...] More
  • जब तक उससे लाभ था

    जब तक उससे लाभ था तब तक था वो मीत लाभ न उससे जब मिला फिर काहे की प्रीत जनता [...] More
  • हो जायेगी ज़िन्दगी

    हो जायेगी ज़िन्दगी सब तेरी अनमोल अंधियारा हिय से भगा उजियारा पट खोल बरखा बरसी झूम कर मनवा हुआ विभोर [...] More
  • अपनों से सम्बन्ध पर दोहा, जगदीश तिवारी

    सम्बन्धों का इस तरह

    सम्बन्धों का इस तरह तोड़ न भाई द्वार समय कठिन हो जायेगा जीवन होगा भार अपने अन्तस से कभी मिटा [...] More
  • उसकी इबादत से

    उसकी इबादत से भला क्यों रहता अनजान उससे अपना दिल मिला ओ ! भोले इन्सान कोयल बैठी डाल पर मीठे [...] More
  • मीत सबको गले लगा

    मीत सबको गले लगा सबसे कर तू प्यार आज सभी तू तोड़ दे नफ़रत की दीवार घर बैठे ही जान [...] More
  • सच पर दोहा, जगदीश तिवारी

    सम्बन्धों के द्वार पर

    सम्बन्धों के द्वार पर कभी जमे ना जंग अपनेपन और प्रीत का भर दे इनमें रंग हो जायेगा एक दिन [...] More
  • समय की चल पर दोहा, जगदीश तिवारी

    एक कहे शैतान है

    एक कहे शैतान है एक कहे इंसान उसके असली रूप की कैसे हो पहचान आज समय की चाल ने बदला [...] More
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