मीत यूँ न ये समय बरबाद कर आज फिर से देश की तू बात कर। देख आतंक हर तरफ मंडरा रहा आदमी इस देश का घबरा रहा सपन देखे जो भगत आजाद ने कौन उनपर आज कहर ढा रहा सो नहीं तू आज तहकीकात कर आज फिर से देश की तू बात कर। मीत क्या [...]
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मीत यूँ न ये समय बरबाद कर
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गोरा गोरा है बदन
गोरा गोरा है बदन काले काले बाल ठुमक ठुमक गोरी चले मन में उड़े गुलाल सुबहा तक जागे रहे दोनों सारी रात नयनों से करते रहे अपने दिल की बात मौसम सब्र न कर सका डोल गया ईमान चन्दा की जब चाँदनी भरने लगी उड़ान ये शहर है गाँव नहीं गाँठ बाँध ले यार रिश्ते [...] More -
बड़ी बड़ी ना बात कर
बड़ी बड़ी ना बात कर और न ऊँची फेंख खींच सके तो खींच दे उससे लम्बी रेख नाच रहा हर आदमी गन्दा हो या नेक वक़्त और हालात के आगे घुटने टेक इन्तज़ार करता नहीं वक़्त किसी का यार हमको करना चाहिए वक़्त का इन्तज़ार उसकी ही होती सदा, भाई! दुआ कबूल सपने में भी [...] More -
छोटी छोटी बात में
छोटी छोटी बात में बड़ी छुपी हैं बात इनको आत्मसात कर बदलेंगे हालात उसने मानी ही नहीं अपनी गलती आप देख ! तभी तो कर रहा बैठ यहां संताप संभव सब कुछ है यहाँ करता रह प्रयास मंजिल चूमेगी तुझे रख खुद पर विश्वास सच को हिय-आंगन सजा सच से ही कर प्यार खुद आयेगा [...] More -
लिख गाथा चितौड़ की
लिख गाथा चितौड़ की कर इसका गुणगान इसके वीरों का ह्रदय से सम्मान पत्रा के उस त्याग का कैसे करूं बखान शब्द नहीं हैं पास में ओ ! मेरे भगवन जिसके वीरों ने सदा दुश्मन दिये निचोड़ आन-मान सम्मान का गढ़ है ये चित्तौड़ जौहर ज्वाला बन गई खींच गई वो रेख बाल न बाँका [...] More -
कुछ तो अपनी बात कर
कुछ तो अपनी बात कर कुछ सुन मेरी बात ऐसे ही कट जायेगी अपनी काली रात बस उसकी अरदास कर नहीं बहा यूँ नीर दुख बदली छंट जायेगी थोड़ा तो रख धीर घर - नारी को पीटता, कैसा है इंसान पर नारी को दे रहा देखो ! कितना मान साथ रोज आता यहां पी जाता [...] More -
जाने क्यों ना चाँदनी सो
जाने क्यों ना चाँदनी सो न सकी उस रात चन्दा ने हँसकर करी जब नदिया से बात नभ से बोली चाँदनी ऐसे मुझे न ताक देख लिया गर चाँद ने कट जायेगी नाक आज खड़ी घर द्वार पर गोरी कर श्रृंगार सजन खड़ा हो आड़ से उसको रहा निहार आँख मीच कर रहा सब पर [...] More -
कोई छिड़कत रंग तो कोई मटकत अंग
कोई छिड़कत रंग तो कोई मटकत अंग अपना अपना ढंग है अपना अपना रंग अपने से बहार निकल इस जग को पहचान बात समझ आ जायेगी, तू कितना नादान अन्तस् का पट खोल दे जग करेगा सलाम मन अपना भटका नहीं मन को लगा लगाम मीत समय को देखकर खटकाना तू द्वार भाग जायेगा देखना, [...] More -
तेरी मेरी प्रीत की चर्चा हर घर दुवार
तेरी मेरी प्रीत की चर्चा हर घर दुवार अब तो आजा साँवले राधा रही पुकार अन्तस् की किस को कहूँ समझ न आये बात कैसे सुलझेंगें सभी उलझे ये हालात तू सब कुछ है नाव फंसी मंझधार कर दे अब तो साँवले मेरा बेड़ा पार आशाओं के दुवार पर मटक रहा आकाश समय बचा थोड़ा [...] More