भूल गए राह श्याम, जपती है साँस नाम। विरह व्यथा गई चीर, हरो नाथ विकट पीर।। बंशी की लुप्त तान, यमुना का मंद गान। गाय ग्वाल भी उदास, छोड़ रही साथ आस।। बैर साध रहे आप, समझ रहे नहीं ताप। हमें घेर खड़ा काल, कष्ट रहे नहीं टाल।। नयनों से बहे धार, कहती तुमको पुकार। [...]
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जीवन पर व्यंग
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कौन कहता कि रो रही आँखें
कौन कहता कि रो रही आँखें। देख लो दाग धो रही आँखें।। ठेस दिल को लगा गया मेरे, बेवफा बोझ ढ़ो रही आँखें। जिस घड़ी छोड़ वो गया मुझको, एक पल भी न सो रही आँखें। लौट आना कभी बहाने से, फिर वही आस बो रही आँखें। याद उनकी सता रही हमको, हार बेजान हो [...] More -
सत्ता की चाभी लिए
सत्ता की चाभी लिए, मतदाता लाचार। लोकतंत्र की आड़ में, सजा हुआ बाजार।। नारों वादों का चले, रजत सियासी तीर। शस्त्र जुबां को धार दे, उतरे हैं रणधीर।। सिसक रही है द्रौपदी, गुमसुम राधेश्याम। कौरव हावी हो गए, क्या होगा अंजाम।। देवों के उपहास से, बन बैठे विद्वान। व्यर्थ प्रलापों से रजत, मिटा रहे सम्मान।। [...] More -
आन बान शान कम देश की न होने पाए
आन बान शान कम देश की न होने पाए, शौर्य वीरता के अहसास को जगाइये। देशद्रोहियों के लिए नरमी जो रखते हों, भारत से उन आम खास को भगाइये। भेद-भाव ऊंच-नीच जिनका हो हथियार, ज़हरीली हर उस घास को जलाइये। विश्वगुरु बनने की लीजिये शपथ सभी, सुप्त हुई मन की जो प्यास वो बढ़ाइये। - [...] More -
तन मन धन पर उसका ही राज चले
तन मन धन पर उसका ही राज चले, हर एक मसले में ही दखल देती है। नून तेल लकड़ी में रखे उलझाए नित, पतियों को ठोंक पीट भी बदल देती है। दिल में जो खिले प्रेम पुष्प कभी गलती से, ताने मार झटके से वो मसल देती है। कार्य हो जटिल चाहे कितना रजत किन्तु, [...] More -
लाल बहादुर शास्त्री जी पर कविता
छोटा कद पर सोच बड़ी थी तेज सूर्य का चमके भाल। भारत माँ के गौरव थे वो कहलाये गुदड़ी के लाल।। कुर्ता धोती गाँधी टोपी यही रही उनकी पहचान। सादा जीवन सदा बिताए कौन यहाँ उनसे अनजान।। पले गरीबी में वो लेकिन नई बनाई अपनी राह। मिली चुनौती पग पग उनको रहे मगर वो बेपरवाह।। [...] More -
नयनों में आपके ही डूब हम जीने लगे
नयनों में आपके ही डूब हम जीने लगे, मदहोशी दुनिया की पीछे छोड़ आये हैं। जीत हार का कोई सताए अब भय नहीं, भीड़ भरी राहों से कदम मोड़ आये हैं। कंचन सी काया मतवाली चाल देख प्रिय, व्यर्थ के नज़ारों का वहम तोड़ आये हैं। खींच नहीं तोड़ियेगा झटके से कभी अब, नेह डोर [...] More