घर में चाँदी के कोई सोने के दर रख जाएगा वो मिरे चश्मे में जब अपनी नज़र रख जाएगा क़ैद [...]
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घर में चाँदी के कोई सोने के दर रख जाएगा
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दिल में हसरत कोई बची ही नहीं
दिल में हसरत कोई बची ही नहीं आग ऐसी लगी बुझी ही नहीं उस ने जब ख़ुद को बे-नक़ाब किया [...] More -
स्वप्न की निशिगन्ध
हमारे स्वप्न भी उच्छृंखल हो गए हैं कभी ये नींद उड़ा देते हैं, कभी जागते में कहीं ले जाते हैं [...] More -
दरवाज़ा-ए-हस्ती
दरवाज़ा-ए-हस्ती से न इम्लाक से निकला पैग़ाम-ए-वफ़ा ख़ुश्बू-ए-इदराक से निकला फिर आज कुरेदी गई वो ख़ाक-ए-नशेमन फिर गौहर-ए-मक़्सूद उसी ख़ाक [...] More -
दरीदा-पैरहनों में शुमार हम भी हैं
दरीदा-पैरहनों में शुमार हम भी हैं बहुत दिनों से अना के शिकार हम भी हैं फ़क़त तुम्हीं को नहीं इश्क़ [...] More -
चाहता ये हूँ कि
चाहता ये हूँ कि बेनाम-ओ-निशाँ हो जाऊँ शम्अ' की तरह जलूँ और धुआँ हो जाऊँ पहले दहलीज़ पे रौशन करूँ [...] More -
चाँद सा चेहरा
चाँद सा चेहरा कुछ इतना बेबाक हुआ एक ही पल में शब का दामन चाक हुआ घर के अंदर सीधे [...] More -
क्यों न मेरे हुये
क्यों न मेरे हुये, तुम सदा के लिये याद में क्यों रहे, तुम जफ़ा के लिये करके वादे वफ़ा, क्यों [...] More -
नाम लेके तिरा
नाम लेके तिरा, हम शुरू कर रहे तीरगी में यहाँ, रौशनी भर रहे खूबसूरत बनें, ये ज़मीं आसमां चाहतों से [...] More