टोकनियों में भर भर उम्र भर ढोये कनस्तर जिन्दगी हुई ऐसी बसर इस शहर से उस शहर चलता रहा शामो [...]
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टोकनियों में भर भर
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किसी ने पूछ लिया
किसी ने पूछ लिया दिल और ख़ून के रिश्तों में फ़र्क़ क्या है सुना है दिल के रिश्तों में बहुत [...] More -
मेरी वीरान सी ज़िंदगी में
मेरी वीरान सी ज़िंदगी में था सदियों का सूनापन कुछ अधूरे रिश्ते थे कुछ अधूरी ख़्वाहिशें थी हज़ारों अंधेरी रातों [...] More -
कुछ एहसास अजनबी से जागे तो हैं मगर
कुछ एहसास अजनबी से जागे तो हैं मगर उन एहसासों को अल्फ़ाज़ो में ढाल ना सके आँखों से चाहत के [...] More -
अभी तो लंका दहन भी शेष है
अभी तो लंका दहन भी शेष है पहले इसको होना है हनुमान की बढ़ती हुई पूँछ को किरासिन तेल, डीजल [...] More -
सर्कस का सातवाँ बौना
सर्कस का सातवाँ बौना दिखाता था अच्छे-अच्छे खेल यों तो सर्कस में कुछ मिलाकर थे आठ बौने लेकिन उसके आगे [...] More -
लाल-लाल आँखों से अपलक घूरता
लाल-लाल आँखों से अपलक घूरता स्टेशन का आउटर सिगनल किसी गाड़ी के आने की सूचना पाते ही चौकस होकर हरा [...] More -
कागज कलम प्रतीक्षा में खड़े थे
कागज कलम प्रतीक्षा में खड़े थे कि लिखूँ तुम्हें कविता में और तभी सांकल खटकी भावों का महा-शब्दकोष बन मुस्कान [...] More -
प्यारी बोली हिन्दी की है
प्यारी बोली हिन्दी की है प्यारा हिन्दुस्तान मुक्त करें नफ़रत हिंसा से अपना हिन्दुस्तान मिलकर सुख़-दुःख बांटें कहती इसकी माटी [...] More