ये दिल जैसे जैसे मचलता रहेगा वही दर्द ग़ज़लों में ढलता रहेगा ये फ़िरकापरस्ती का आलम जहाँ में कभी ख़त्म [...]
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ये दिल जैसे जैसे मचलता रहेगा
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ज़िन्दगी बेजान है तेरे बिना
ज़िन्दगी बेजान है तेरे बिना कुछ नहीं आसान है तेरे बिना क्या कहें कैसे कहें ए जानेजाँ ज़िन्दगी हलकान है [...] More -
जिंदगी मजबूरियो के सांचेे मे ढलती रही
जिंदगी मजबूरियो के सांचे मे ढलती रही, उम्मीद सब हमारी इक खांचे मे डलती रही। मेरे आंगन में भी धूप [...] More -
तुम चाहो तबेलो को बाजार कह दो
तुम चाहो तबेलो को बाजार कह दो। तुम चाहो पतझडो को बहार कह दो।। तुम्हारा ही राज है अभी यहाँ [...] More -
नदी बन बहती हो ग़ज़ल कुछ ऐसी हो
नदी बन बहती हो ग़ज़ल कुछ ऐसी हो सड़क से निकली हो गली में रहती हो ज़मी पर चलती हो [...] More -
गगन सा तुम्हारा ह्रदय है
गगन सा तुम्हारा ह्रदय है सब रागों की तुममें लय है तुमको सिर्फ भोग्या माना देखो अब कितना प्रलय है [...] More -
अंधी दौड़ में किसी को फुरसत नहीं
अंधी दौड़ में किसी को फुरसत नहीं बिखरते रिश्तों में बुजर्गों को इज्जत नहीं पहुँच जाओ चाहे किसी मुकाम पर [...] More -
ज़िन्दगी अपनी ख़्वार कर बैठे
ज़िन्दगी अपनी ख़्वार कर बैठे बेवफ़ा से जो प्यार कर बैठे दिल्लगी -दिल्लगी में ही देखो वो हमारा शिकार कर [...] More -
इश्क की आबरू हम बढ़ाते रहे
इश्क की आबरू हम बढ़ाते रहे अश्क पीते रहे मुस्कुराते रहे यूँ तो वाबस्तगी हर क़दम पर रही जाने क्यों [...] More