इन्द्रधनुषी रंग से तुमने लिखा है तितलियों के पंख पर इतिहास मेरा सांस का पतझार नैनों में समेटे जल रहा [...]
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इन्द्रधनुषी रंग से
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चाहे जीवन की सारी
चाहे जीवन की सारी खुशियाँ ले लो तुम पर मुझको जीने भर का विश्वास दिला दो जिसके लिए सभी रिश्तों [...] More -
तुम कह दो तो
तुम कह दो तो गरल कलश को मैं तेरा उपहार मान लूँ विस्मृति के सन्दर्भो में जब नव प्रभात के [...] More -
अब तो ऐसा लगता जैसे
अब तो ऐसा लगता जैसे हर सावन सूखा होगा धरती खूँ कि प्यासी होगी हर मानव भूखा होगा व्याकुल प्यासा [...] More -
सभी यहाँ पर
सभी यहाँ पर भटक रहे है | सबको राह दिखाये कौन || फन्दा सबके गले पड़ा है | आखिर गला [...] More -
हमारी धड़कनों का शब्द
हमारी धड़कनों का शब्द बन्दे मातरम मेरा | ये धरती वीर राणा की शिवा के हौसले की है ये वाजीराव [...] More -
मैं जीवन के नव प्रभात
मैं जीवन के नव प्रभात का गीत सुनाता हूँ पतझारों में मधुश्रतु का संगीत सुनाता हूँ | पाषाणों की छाती [...] More -
आज की रात शुभ है
आज की रात शुभ है मिलन के लिए, कौन जाने कभी हम मिले ना मिलें | यदि मिलें भी कभी [...] More -
लेखनी स्वर्ण प्रासादों को
लेखनी स्वर्ण प्रासादों को खण्डहर बना सकती है, लेखनी ध्वस्त झोपड़ियों में तूफान उगा सकती है | थके हुये पाँवों [...] More