ज़िन्दगी की बात फिर करने लगे। ये क़दम रुके थे फिर चलने लगे।। भावनाएँ हिलोरें लेने लगीं मीन बनकर नदी में रहने लगीं फिर सपन, विहग बन उड़ने लगे। ये क़दम रुके थे फिर चलने लगे।। चाँद के अधरों पे हँसती चाँदनी सनसनाती पवन छेड़े रागिनी फिर नज़ारे बाँह में कसने लगे। ये क़दम रुके [...]
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ज़िन्दगी की बात फिर
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तुम भी तो
तुम भी तो अधूरे हो मेरे बिना तो फिर क़बूल क्यूं नहीं करते यह सच मेरी तरह मैं...तो... कुछ भी नहीं हूं तुम्हारे बग़ैर और तुम? - इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More -
आप जैसी जो पाई ना नज़र
आप जैसी जो पाई ना नज़र फितरते दुनियां आई ना नज़र यूं रहे सब के ग़म में मुबतिला देख कर जो बल खाई ना नज़र राज़ अब जाना क्यूं महफूज हो आप रखते हो आईना नज़र हो गये वैसे जो जैसा मिला सिफ़्त वो अपनी लाई ना नज़र नज़र में जिनकी बेगाने नहीं इस जहां [...] More -
गुज़र कर क़रीब से
गुज़र कर क़रीब से यूं हंसे अजीब से पूछ तो लेना था हादसा गरीब से बहुत पछताओगे उतर कर सलीब से है बड़ा दिल वो ही जो मिले रक़ीब से हौसला कभी नहीं हारता नसीब से ज़ोर है तुझमें गर ला मिला हबीब से - इक़बाल हुसैन "इक़बाल" इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल [...] More -
हमसफर कोई नहीं हमदम नहीं
हमसफर कोई नहीं हमदम नहीं गर नहीं तो ना सही कुछ गम नहीं देख लेना दूर से मुड़ कर हमें और सब मिल जाएगें पर हम नहीं आपने तोड़ा हमें अच्छा किया आसरा ये जिन्दगी को कम नहीं दर्द के सागर मिले आठों पहर आँख फिर भी देखिये ये नम नहीं बस भरोसा ज़ात पर [...] More -
हर तरफ हैं आजकल वर साजिशें
हर तरफ हैं आजकल वर साजिशें भेद वाली हो रही हैं बारिशें हाल मौसम का बात पाते नहीं सुर्ख फूलों की जगह हैं आतिशें झील मन की अब कहो कैसे भरे बांधने की धार को हैं कोशिशें खेत उपजें और मिले बहती नदी मन में शायद जाऐगी ये ख्वाहिशें जाल बुन लो लाख या पहरे [...] More -
मौन रहकर काम करता
मौन रहकर काम करता शोर मैं करता नहीं टूट सकता हूँ यहाँ मैं झुक कभी सकता नहीं हौंसले मेरे बुलन्दी पर खड़े हैं देख ले जब निकल पड़ता हूँ घर से फिर कहीं रुकता नहीं देखना मैं एक दिन सबको हिला दूंगा यहाँ भावना में बात बहकर मैं कभी कहता नहीं ये कटीले रास्ते मैंनें [...] More -
दिल के जज़्बात
दिल के जज़्बात सभी कहने दो दूसरी बात अभी रहने दो थाम लो हाथ हमारा जानम दूरियाँ आज सभी ढहने दो ये ज़माना न कर सकेगा कुछ ये ज़माना जो कहे ने कहने दो जो मिले दर्द जहाँ से तुमको कुछ हमें भी वो दर्द सहने दो जो ग़ज़ल हमने कही तेरे लिए वो ग़ज़ल [...] More -
वो निशां छोड़
वो निशां छोड़ चलो ये जहां याद करे मंज़िलें याद करें कारवाँ याद करे गीत ग़ज़लों में बस ताजगी जोश भरो गाके युग युग तक हर समा याद करे सिलसिला खुसबू का वो गुलो छोड़ चलो बिखर जाने पर भी बागबाँ याद करे प्यार मुहब्बत सिखा अमन का चलन सिखा हर कलम दां फिर ये [...] More