तुम भी तो अधूरे हो मेरे बिना तो फिर क़बूल क्यूं नहीं करते यह सच मेरी तरह मैं…तो… कुछ भी नहीं हूं तुम्हारे बग़ैर और तुम? – इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
तुम भी तो
तुम भी तो
अधूरे हो
मेरे बिना
तो फिर
क़बूल क्यूं नहीं करते
यह सच
मेरी तरह
मैं…तो…
कुछ भी नहीं हूं
तुम्हारे बग़ैर
और तुम?
– इरशाद अज़ीज़
इरशाद अज़ीज़ जी की कविता
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