उन राहों पे सजदे सनम होंगे जिन पे तेरे नक्शे कदम होंगे पूछे जो ना मज़हब पता खित्ता जगमग वो ही दैरो हरम होंगे जो दिल में हो मुंह पर वही रखना दूर तब ही ये रंजो अलम होंगे राहे वफा आसान नहीं होगी चलना है तो लाखों सितम होंगे आईने से गर रहोगे बनकर [...]
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उन राहों पे सजदे
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महरबानी हुई बड़ी मुझ पर
महरबानी हुई बड़ी मुझ पर आपकी जो नज़र पड़ी मुझ पर नज़र भर कर के जो देखा तुमने इस जहां की नज़र गड़ी मुझ पर खत गुलाबो भरे मिले जब से उंगलियाँ हो गयीं खड़ी मुझ पर जब मुलाक़ात का हुआ वादा तो सदी सी चढ़ी घड़ी मुझ पर इक फ़क़त आपकी नवाज़िश से लग [...] More -
मूंद कर आँख तुम
मूंद कर आँख तुम भले रखना सोच के दायरे खुले रखना लाख टुकड़े हों घर आंगन के नैन से नैन पर मिले रखना लुत्फ चाहो अगर चे जीने में साँस के साथ मरहले रखना फैज क्या धूप में जलाने से इन चरागों को दिन ढले रखना लोग अहसास से परे हों तो होठ अपने वहाँ [...] More -
निकल कर दिल से
निकल कर दिल से मेरे आप खता पाओगे घर जो ठुकराया तो बाहर न जगाह पाओगे हम तो सह लेगे सभी नाज़ो अन्दाज़ तेरे ग़ैर के साथ न इक रात बिता पाओगे घर की घर में ही रहे बात जहां तक अच्छा बात निकलेगी तो किस किस छुपा पाओगे रात कट जाए ना यूं बातों [...] More -
आप जैसी जो पाई ना नज़र
आप जैसी जो पाई ना नज़र फितरते दुनियां आई ना नज़र यूं रहे सब के ग़म में मुबतिला देख कर जो बल खाई ना नज़र राज़ अब जाना क्यूं महफूज हो आप रखते हो आईना नज़र हो गये वैसे जो जैसा मिला सिफ़्त वो अपनी लाई ना नज़र नज़र में जिनकी बेगाने नहीं इस जहां [...] More -
गुज़र कर क़रीब से
गुज़र कर क़रीब से यूं हंसे अजीब से पूछ तो लेना था हादसा गरीब से बहुत पछताओगे उतर कर सलीब से है बड़ा दिल वो ही जो मिले रक़ीब से हौसला कभी नहीं हारता नसीब से ज़ोर है तुझमें गर ला मिला हबीब से - इक़बाल हुसैन "इक़बाल" इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल [...] More -
हमसफर कोई नहीं हमदम नहीं
हमसफर कोई नहीं हमदम नहीं गर नहीं तो ना सही कुछ गम नहीं देख लेना दूर से मुड़ कर हमें और सब मिल जाएगें पर हम नहीं आपने तोड़ा हमें अच्छा किया आसरा ये जिन्दगी को कम नहीं दर्द के सागर मिले आठों पहर आँख फिर भी देखिये ये नम नहीं बस भरोसा ज़ात पर [...] More -
हर तरफ हैं आजकल वर साजिशें
हर तरफ हैं आजकल वर साजिशें भेद वाली हो रही हैं बारिशें हाल मौसम का बात पाते नहीं सुर्ख फूलों की जगह हैं आतिशें झील मन की अब कहो कैसे भरे बांधने की धार को हैं कोशिशें खेत उपजें और मिले बहती नदी मन में शायद जाऐगी ये ख्वाहिशें जाल बुन लो लाख या पहरे [...] More -
वो निशां छोड़
वो निशां छोड़ चलो ये जहां याद करे मंज़िलें याद करें कारवाँ याद करे गीत ग़ज़लों में बस ताजगी जोश भरो गाके युग युग तक हर समा याद करे सिलसिला खुसबू का वो गुलो छोड़ चलो बिखर जाने पर भी बागबाँ याद करे प्यार मुहब्बत सिखा अमन का चलन सिखा हर कलम दां फिर ये [...] More