इधर देखना ना उधर देखना है । अगर देखना है तो घर देखना है । सदा मम्मी पापा को रखना [...]
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इधर देखना ना उधर देखना है
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हरिक साया जलाने सा रहा
हरिक साया जलाने सा रहा । और वादा बहाने सा रहा । तोड़ कर वो भरोसा यूँ गया, शक्ल अब [...] More -
मेघो ने तरस खाया,
मेघो ने तरस खाया, पलट के मौसम आया। झीले रीती बाट जो रही, फिर उमंगो का पानी आया। सावन भी [...] More -
आज से मैं
आज से मैं इस कोशिश में लग गया हूँ कि शहरों और गाँवों की समूची बस्तियों को छोटी-बड़ी सभी हस्तियों [...] More -
यूँ तो एक दिन ख़ाक होना है
यूँ तो एक दिन ख़ाक होना है जिस्म ये मिट्टी का राख होना है छोड़ के ये जहां चले गए [...] More -
तुमको सुविधायें मिली
तुमको सुविधायें मिली लेकिन हमें कठिनाईयां । देख लो फिर भी वही पर हम भी प्यारे आ गये । जब [...] More -
नारी हित की बात करेंगे
नारी हित की बात करेंगे पर आवाज़ दबाएंगे, नैतिकता का पिंड दान कर अपना राज चलाएंगे। रूप सजा निकले जब [...] More -
टूटे बिखरे दिल को अपने
टूटे बिखरे दिल को अपने आज ख़ुद ही मरहम लगायी हूँ घायल से जज़्बातों को अपने आज ख़ुद ही दिलासे [...] More -
मानस – दर्पण देख, दोष
मानस - दर्पण देख, दोष - गुण स्वयं निहारें । अपने को पहचान, आप ही आप सुधारें ।। यह आदत [...] More