आँख से मिलाई आँख चैन छीन ले गए वो, मन का मयूर झूम झूम नाचने लगा। दुनिया की सारी पुस्तकों को रखा ताख पर, प्रेम ग्रन्थ ध्यान मग्न हो मैं बाँचने लगा। भूख प्यास रूठ गई नींद भी है गुम कहीं, सेहत हमारी हर कोई जाँचने लगा। पोखर में उतरा मैं कभी भी रजत नहीं, [...]
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आँख से मिलाई आँख चैन छीन ले गए वो
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खानाबदोश है कई इस जग में
खानाबदोश है कई इस जग में उजरी धरती पे,गदले नभ नीचे, वे ही बचा रहे एक सभ्यता अपने करारे कर्म की कुदाल चलाकर बचा रहे लुप्त होती एक विरासत को जी रहे उसूलो की छाया में, फटे पुराने खानदानी कबीलायाई तिरपाल को नये जमाने की आँधी तुफान से जख्मी होने से बचा रहे हैं, पुराने [...] More -
कद मे बडे हुए अब जो मिनारो से
कद मे बडे हुए अब जो मिनारो से। सजने लगे अब वो चाँद सितारो से। चुनावी मौसम अब नजदीक आने लगा है, सजने लगे कुछ पतझड़ भी अब बहारों से। मिलने लगे अब वो घर घर जाकर, मिलती थी जिनकी खबर अखबारो से। कोशिश है उनकी महके, पर वो महके नही, खुशबू आती कहाँ है [...] More -
निभाओ कुछ बड़ा किरदार भाई
निभाओ कुछ बड़ा किरदार भाई समय यूँ मत करो बेकार भाई लुटे कितने यहाँ घर बार भाई पढ़ो कुछ तो ज़रा अख़बार भाई बने अपने यहाँ ख़ुद ही लुटेरे कि जीना हो गया दुश्व़ार भाई जला दो नफ़रतों का घर दिलों से बनो अपनो के तुम गलहार भाई शरारत कर रहा अपना पड़ौसी सभी रहना [...] More -
तपा के अगन मे फिर कंचन बनता है
तपा के अगन मे फिर कंचन बनता है यूँ ही नही कोई भक्त ,हरि का दास बनता है । हर उम्र का एक कायदा होना चाहिए , हरि भजन का भी कोई तरिका होना चाहिए । जवानी ,दौलत ,शौहरत ,रहती नही सदा, थोडा तो उम्र का भी कोई तका़जा होना चाहिए । न जाने कौनसी [...] More -
एक सहृदयी व्यक्ति ने
एक सहृदयी व्यक्ति ने मुझ पतित को उत्साह से भरकर झट गले लगाया मेरे मन का छलकता कीचड़ उसके तन को कीचड़मय कर दिया मुझ पर एक अलौकिक अहसास का अनुभव हुआ मैं चहकते हुए घर लौटा लगाया डुबकी फिर मद - मोह के उसी गटर में सारे अहसास काफूर हो गए मैं मशहूर हो [...] More -
ज़िन्दगी जीना सिखाती है
हर पल की तुम बात न पूछो कैसे गज़री रात न पूछो बाहर सब कुछ सूखा सूखा अंदर की बरसात न पूछो जिसको सुन के पछताओगे तुम मुझसे वो बात न पूछो दुनिया से तो जीत रहा हूँ ख़ुद से ख़ुद की मात न पूछो साहिल पे ही डूब गए वो कैसे थे हालात न [...] More -
ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा
ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा ग़ैर तो होगा नहीं वो कोई अपना होगा चाँद को पाने की ज़िद्द उसकी बज़ा है लेकिन वो कोई दाना नहीं होगा तो बच्चा होगा हर क़दम चलके जो रूक जाता है तन्हा अक्सर अपने साये से यक़ीनन ही वो डरता होगा रू-ब-रू होने से क्यूँ डरते [...] More -
फ़ासला मंज़िले -मक़सूद हमेशा की तरह
फ़ासला मंज़िले -मक़सूद हमेशा की तरह दिल में होती है उछल कूद हमेशा की तरह इक नज़र देख लिया नाज़ो-अदा से उसने जल उठी फिर.कहीं बारूद हमेशा की तरह जब भी देखा है किसी सम्त उठा कर नज़रें दूर तक आप हैं मौजूद हमेशा की तरह जो भी आया हमें अपनी ही सुनाता आया कोई [...] More