वो आँखों पे ज़ुल्फ़ों के पहरे बिठाये कभी ख़ुद हँसे अरु मुझे भी हँसाये मेरे गीत अपने लबों पर सजाये [...]
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वो आँखों पे ज़ुल्फ़ों के पहरे बिठाये
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बरस रहा है जड़-चेतन से, सुधियों का अनुराग
बरस रहा है जड़-चेतन से, सुधियों का अनुराग । मिलन-जोत भी लगा रही है, राजभवन में आग ।। पत्र एक [...] More -
ख़बर हो तुझको मेरा बुत तराशने वाले
ख़बर हो तुझको मेरा बुत तराशने वाले खड़े हैं लोग मुझे फिर से मारने वाले मैं उस मुक़ाम पे सदियों [...] More -
हज़ारों तीर किसी की कमान से गुज़रे
हज़ारों तीर किसी की कमान से गुज़रे ये एक हम ही थे जो फिर भी शान से गुज़रे कभी ज़मीन [...] More -
धैर्य पर यहाँ स्वयम के तू अभी न वार कर
धैर्य पर यहाँ स्वयम के तू अभी न वार कर पुकारता है तू किसे ठहर जरा विचार कर । बदल [...] More -
जीवन की सरिता
जीवन की सरिता सरिता के तटबन्ध तटबन्धों पर सटे सुहाने घाट ये घाट साक्षी है - जीवन प्रवाह के साक्षी [...] More -
कुछ तो ऐसा रच नया
कुछ तो ऐसा रच नया, छन्द हँसै हर द्वार कवियों के दरबार से, दूर भगे भंगार छन्दों के दरबार से, [...] More -
उम्र का तकाजा भी न रहा
उम्र का तकाजा भी न रहा, अपने ओहदे का लिहाज न रहा। देखे पराई नार छुप-छुपकर वो, क्या तुझे खुदा [...] More -
प्यार की दास्तान पर कविता
उसकी हसरत में शामिल जर्रा भी आफ़ताब लगता है वो पत्थरो को भी सलीके से लगा दे तो ताज लगता [...] More