देखो तो दीवार कहाँ है दो धारी तलवार कहाँ है तुम भी इंसा ,हम भी इंसा सोचो तो तक़रार कहाँ [...]
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देखो तो दीवार कहाँ है
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पास आकर भी फ़ासला रखना
पास आकर भी फ़ासला रखना, बे मज़ा है यूँ राब्ता रखना । तुम जुदाई का दर्द क्या जानो शर्त ऐसी [...] More -
गुबारे ग़म को दबाते रखिए
गुबारे ग़म को दबाते रखिए, हंसी लबों पे सजाये रखिए। जो चाहो बज्मे सुखन हो रोशन, चरागे दिल को जलाए [...] More -
खेल नफरत का हम चलने नहीं देंगे
खेल नफरत का हम चलने नहीं देंगे, बेवक्त तो यह मौसम बदलने नहीं देंगे। बड़ी मशक्कत के बाद बस्तियों में [...] More -
लोग मुझको दुनिया के बचकाने लगे
लोग मुझको दुनिया के बचकाने लगे, अंधेरों के लिए सूरज को धमकाने लगे। बंजर जमीं पर फसल उगाने की बात [...] More -
घर को बड़ी ही राहत मिली
घर को बड़ी ही राहत मिली, जब इन दीवारों को छत मिली। इक बहुत बड़ी मिल्कियत मिली, बच्चे को माँ [...] More -
कद परछाइयों के ही बड़े हुए हैं
कद परछाइयों के ही बड़े हुए हैं, नादां समझ रहे है कि हम बड़े हुए हैं। वो आसमान और इस [...] More -
कौन किसकी मानता है अब यहाँ पर
कौन किसकी मानता है अब यहाँ पर वक़्त कैसा आ पड़ा है गुलसिताँ पर आज अपनों को दग़ा दे इस [...] More -
आज फिर में गुनगुनाना चाहता हूँ
आज फिर में गुनगुनाना चाहता हूँ हर क़दम पे मुस्कराना चाहता हूँ ऐ अंधेरे तू यहाँ से भाग जा अब [...] More