Tag Archives: डॉ. नसीमा निशा

  • उसके वहमो गुमान में रहना

    उसके वहमो गुमान में रहना हर घड़ी इम्तिहान में रहना बनके बादल किसी की यादॊ का फ़िक़्र के आसमान मे रहना दुश्मनी क्यों किसी से हम रक्खे कब तलक है जहान में रहना रूह भी चाहती है आज़ादी क्यों बदन के मक़ान में रहना करके एहसान जो जताते हैं क्यों समझते हैं शान में रहना [...] More
  • हालात पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा निशा

    होने को मशहूर हुए हैं

    होने को मशहूर हुए हैं अपनो से ही दूर हुए हैं थी मजबूरी थाम सके न अच्छे दिन काफ़ूर हुए हैं घर की क़ीमत जाने वो ही घर से जो भी दूर हुए हैं दौलत शोहरत सर चढ़ बोले रिश्ते सब नासूर हुए हैं नशा उमर का उतरा जब है मन्ज़र सब बेनूर हुए हैं [...] More
  • इंसानियत पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा निशा

    सिस्कियां ले रहे आज रिश्ते सभी

    सिस्कियां ले रहे आज रिश्ते सभी झूठ लगने लगे लोग हंसते सभी हर तरफ़ साज़िशो की चली है हवा खौफ़ज़द हो रहे सब्ज़ पत्ते सभी भाव इंसानियत का उतरता गया आदमी हो गये आज सस्ते सभी हमसफ़र वो नहीं साथ फ़िर भी रहे एक हम ही नही लोग कहते सभी उठ रहा है धुआँ अब [...] More
  • प्यार भरी ग़ज़ल, डॉ. नसीमा निशा

    ये दिल जैसे जैसे मचलता रहेगा

    ये दिल जैसे जैसे मचलता रहेगा वही दर्द ग़ज़लों में ढलता रहेगा ये फ़िरकापरस्ती का आलम जहाँ में कभी ख़त्म होगा या चलता रहेगा कहाँ एकसा कुछ रहा है जहाँ में ये मौसम है प्यारे, बदलता रहेगा कोई बेइमानी नहीं अब चलेगी ये नेकी का सिक्का है चलता रहेगा सिला चाहतो का भले तुम न [...] More
  • बेजान है ज़िन्दगी, डॉ. नसीमा निशा

    ज़िन्दगी बेजान है तेरे बिना

    ज़िन्दगी बेजान है तेरे बिना कुछ नहीं आसान है तेरे बिना क्या कहें कैसे कहें ए जानेजाँ ज़िन्दगी हलकान है तेरे बिना इश्क न जाने ये कैसा मर्ज़ है खुद से है अनजान ये तेरे बिना भाग जाता है हदो को तोड़ कर दिल बहुत नादान है तेरे बिना थी 'निशा' की शोखियाँ अनमोल सी [...] More
  • नाराजगी पर कविता, डॉ. नसीमा निशा

    देखो तो दीवार कहाँ है

    देखो तो दीवार कहाँ है दो धारी तलवार कहाँ है तुम भी इंसा ,हम भी इंसा सोचो तो तक़रार कहाँ है गंगा- जल जो चाहे पी ले मज़हब पहरेदार कहाँ है साथ जियेन्गे, साथ मरेन्गे बोलो वो इक़रार कहाँ है एक फ़लक है एक ज़मी है हमको भी इंकार कहाँ है हाथ पकड गर साथ [...] More
  • यादों पर कविता, डॉ. नसीमा निशा

    पास आकर भी फ़ासला रखना

    पास आकर भी फ़ासला रखना, बे मज़ा है यूँ राब्ता रखना । तुम जुदाई का दर्द क्या जानो शर्त ऐसी न बाख़ुदा रखना । बाद जाने के तेरे छोड़ दिया सामने हमने आईना रखना । यूँ इबादत सी हो गई अपनी दिल में चेहरा ये आपका रखना । भीड़ में लोग खो गए 'निशा' कितने [...] More
  • टूटे दिल की ग़ज़ल

    कहाँ ज़िन्दगी की दुआ माँगते हैं

    कहाँ ज़िन्दगी की दुआ माँगते हैं जुदा हो के उनसे कज़ा माँगते हैं रहे हम किसी पर न इक बोझ बन कर न कुछ और इसके सिवा माँगते हैं तिज़ारत नहीं है हमारी मुहब्बत वफ़ा का न हम कुछ सिला माँगते हैं सफ़र ज़िन्दगी का तो लगता है मुश्किल कोई हमसफ़र ऐ खुदा माँगते हैं [...] More
  • न भूल पाने की शायरी हिंदी में

    दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा

    दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा भूले से भी तुमको भुलाया न जाएगा लाखों जतन करें हम लक़ीरो को फेर दे तक़दीर का लिखा तो मिटाया न जायेगा छॊडॊ जनाब एहदे वफाओं का सिलसिला दर्दे-हयात तुमसे उठाया न जायेगा हम जी लेंगे जैसे चलेगी ये ज़िन्दगी लेकिन ये हाथ तुमसे मिलाया न जायेगा यों [...] More
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