मातृभूमि वह तीर्थ जहाँ माता रहती है । अपना सब कुछ वार हमें पैदा करती है ।। तरुवर छायादार छत्र [...]
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अवधपति! आना होगा
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फ़िजाओं में कमी जब से हवाओं की लगी होने
फ़िजाओं में कमी जब से हवाओं की लगी होने शरम शालीनता संस्कृति मनुष्यों की लगी खोने । तभी से देश [...] More -
दिल की धड़कन को उन्होंने सुना ही नही
दिल की धड़कन को उन्होंने सुना ही नही प्यार जो दिल में है उन्होंने देखा ही नही करें क्या शिकायत [...] More -
दौर-ए-नवाज़िश
जब दौर-ए-नवाज़िश यूँ चलता रहा मेरे दिल में कुछ और मचलता रहा उसे भी लगी थी बहुत भूख पर निवाले [...] More -
कोई बात नही हैं हुई
कोई बात नही हैं हुई अभी रात नही हैं हुई बोलो जाएँ तो जाएँ कहाँ मुलाक़ात नही हैं हुई रात [...] More -
देख के तेरा बचपन
देख के तेरा बचपन याद आता है कुछ अपना भी चिंता ना कल की ना किसी काम की चिड़िया उड़, [...] More -
लड़ा के हिंदू और मुस्लिम ये गद्दी चाहते हो क्यूँ
चमन में आग तुम लगाते हो क्यूँ वतन का नाम तुम मिटाते हो क्यूँ देश के चंद ग़द्दारों को तुम [...] More -
सुख जो परिवार में है, वो मिलेगा कहाँ
ना मंज़िल है कोई ना कोई कारवाँ बढ़े चले जा रहे हैं, रुकेंगे कहाँ कुछ पल बचा लो अपनो के [...] More -
आज दिल में मिरे भरे हैं जो
आज दिल में मिरे भरे हैं जो लफ़्ज़ तेरे खरे खरे हैं जो देखकर यूँ मुझे परेशां तुम आम इंसा [...] More