Author Archives: Kavya Jyoti

  • मातृभूमि वह तीर्थ जहाँ माता रहती है

    अवधपति! आना होगा

    मातृभूमि वह तीर्थ जहाँ माता रहती है । अपना सब कुछ वार हमें पैदा करती है ।। तरुवर छायादार छत्र बन छाया करते । उमड़ घुमड़कर मेघ वारि बरसाया करते ।। प्रथम गिरा का ज्ञान यहीं से हम सब पाते । नव रस के सब भाव हृदय में यहीं समाते ।। कुछ भी हो कर्त्तव्य [...] More
  • घरों की आबरू

    फ़िजाओं में कमी जब से हवाओं की लगी होने

    फ़िजाओं में कमी जब से हवाओं की लगी होने शरम शालीनता संस्कृति मनुष्यों की लगी खोने । तभी से देश अपना विश्वगुरु से यूँ लगा गिरने घरों की आबरू जब से निकल बाहर लगी रोने ।। - अवधेश कुमार 'अवध' भारतीय संस्कृति पर बेहतरीन मुक्तक [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे [...] More
  • एकतरफा प्यार पर शायरी इन हिंदी, Ek Tarfa Pyar Shayari

    दिल की धड़कन को उन्होंने सुना ही नही

    दिल की धड़कन को उन्होंने सुना ही नही प्यार जो दिल में है उन्होंने देखा ही नही करें क्या शिकायत उनसे अब हाल-ए-दिल उन्होंने सुना ही नही हम तो उन्हें ख़ुदा समझ बैठे रहे इंसा से ज़्यादा उन्होंने समझा ही नही वो ख़ुश रहे सदा यही दुआ है मेरी मेरे जन्नत का रास्ता उन्होंने देखा [...] More
  • दोस्ती शायरी हिन्दी में, Dosti Shayari Hindi

    दौर-ए-नवाज़िश

    जब दौर-ए-नवाज़िश यूँ चलता रहा मेरे दिल में कुछ और मचलता रहा उसे भी लगी थी बहुत भूख पर निवाले वो अपने बदलता रहा उधर सरहदों पे वो गिरते रहे इधर ख़ूँ हमारा उबलता रहा बहुत ग़म ज़माने ने उसको दिये मेरे दर्द पर वो तड़पता रहा जब से मिले हो मेरे दोस्त तुम ख़ुद [...] More
  • मुलाक़ात शायरी हिंदी में, Mulakat Shayari Hindi

    कोई बात नही हैं हुई

    कोई बात नही हैं हुई अभी रात नही हैं हुई बोलो जाएँ तो जाएँ कहाँ मुलाक़ात नही हैं हुई रात सपने में देखा जिसे सौग़ात नही हैं हुई इश्के बाज़ार में जानेमन अभी मात नही हैं हुई तू मेरी ना हुई तो कभी कायनात नही है हुई दिल में बादल बहुत हैं उठे फिर भी [...] More
  • बचपन पर कविता हिंदी में , Bachpan Par Kavita Hindi

    देख के तेरा बचपन

    देख के तेरा बचपन याद आता है कुछ अपना भी चिंता ना कल की ना किसी काम की चिड़िया उड़, गुड़िया की शादी खेला करते थे सब देख के तेरा बचपन याद आता है कुछ अपना भी मस्ती के पल गर्मी के वो दिन लूडो कैरम बिज़्नेस का खेल ना आएँगे अब वो दिन देख [...] More
  • देश की एकता पर कविता हिंदी में, Rashtriya Ekta Par Kavita

    लड़ा के हिंदू और मुस्लिम ये गद्दी चाहते हो क्यूँ

    चमन में आग तुम लगाते हो क्यूँ वतन का नाम तुम मिटाते हो क्यूँ देश के चंद ग़द्दारों को तुम यू बचाते हो क्यूँ चंद पैसों के लिए तुम ईमान को गिराते हो क्यूँ झूठे झूठे ख़्वाब दिखाके हँसा के फिर रुलाते हो क्यूँ वतन पे मर मिटने वालों के घर को भी खा जाते [...] More
  • परिवार पर कविता हिंदी में, Parivar Par Kavita In Hindi

    सुख जो परिवार में है, वो मिलेगा कहाँ

    ना मंज़िल है कोई ना कोई कारवाँ बढ़े चले जा रहे हैं, रुकेंगे कहाँ कुछ पल बचा लो अपनो के लिए जो देखोगे पलट के, ये मिलेंगे कहाँ वक़्त का तक़ाज़ा कहता है यही जो बीत गये पल, फिर आएँगे कहाँ आओ इस पल को यादगार बना लें जो बातें होंगी अभी, फिर करेंगे कहाँ [...] More
  • जख्म भरी शायरी, Zakhmi Dil Shayari Hindi

    आज दिल में मिरे भरे हैं जो

    आज दिल में मिरे भरे हैं जो लफ़्ज़ तेरे खरे खरे हैं जो देखकर यूँ मुझे परेशां तुम आम इंसा से हम परे हैं जो कस्मेवादे सभी तुम्हारे थे याद बनके धरे धरे हैं जो साथ मेरे यहाँ रहोगे तुम ये इरादे मरे मरे हैं जो सब बयाँ कर गये कहानी में अश्क़ आँखों में [...] More
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