Author Archives: Kavya Jyoti Team

  • मर्यादा और लाज रखने पर कविता, हेमलता पालीवाल "हेमा"

    घर की लाज

    घर की लाज दहलीज के भीतर, मर्यादा और लाज रखना इधर। इसको लांघ दु:ख पाया जानकी ने प्रिय-विछोह हो और [...] More
  • जला जलाकर हृदय वर्तिका

    जला जलाकर हृदय वर्तिका जग को आलोकित करता । मन में उपजे भाव लुटाकर जन जन की पीड़ा हरता । [...] More
  • उम्मीद रखने पर कविता, एकता खान

    उनसे कुछ कहने की

    उनसे कुछ कहने की आरज़ू में बेज़ुबा अश्क़ यूँ ही निकल गए दिल की ख़ामोश गलियों में एहसासों के बादल [...] More
  • हर घड़ी दवा

    हर घड़ी दवा जिन्हें समझते हैं हम ज़ख़्म रोज़ हमें वो देते हैं क्यूँ हर घड़ी याद जिन्हें करते हैं [...] More
  • सवालो के जवाब पाने पर कविता, एकता खान

    उम्मीदों के चिराग़ को

    उम्मीदों के चिराग़ को जलाएँ तो कैसे राहों के अंधकार को मिटाएँ तो कैसे डूबती कश्ती को किनारे लाएँ तो [...] More
  • मोहब्बत और इश्क़ पर कविता, एकता खान

    एक वो हैं जो हर रोज़

    एक वो हैं जो हर रोज़ हज़ार बहाने ढूँढ लेते हैं हमसे दूर जाने के और एक हम हैं जो [...] More
  • मौसम के बदलने पर ग़ज़ल, पी एल बामनिया

    अब ये मौसम कातिलाना

    अब ये मौसम कातिलाना हो चुका है दुश्मन का अब शहर आना हो चुका है। तुम खुद को अब मत [...] More
  • ग़ज़ल बन जाने पर कविता, विनय साग़र जायसवाल

    यह हवा और चला दो,

    यह हवा और चला दो, तो ग़जल हो जाये इन चराग़ों को बुझा दो, तो ग़जल हो जाये इस कदर [...] More
  • मतलब बदल रही दुनिया पर ग़ज़ल, विनय साग़र जायसवाल

    भर देंगे सब के दिल में,

    भर देंगे सब के दिल में, हम ताज़गी भी और रँग दी है ख़ुश्बुओं से, यह शायरी भी और उसका [...] More
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