दोनो बँधे हैं दुनियाँ की रीत में मजबूरियाँ इधर भी हैं, कुछ उधर भी दिल की बातें हैं आज उन्हें [...]
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दोनो बँधे हैं दुनियाँ की रीत में
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ख़्वाहिश फिर बचपन जीने की
ख़्वाहिश फिर बचपन जीने की खुले आसमा में उड़ने की ख़्वाहिश फिर चाँद तारों को छूने की सारी दुनिया को [...] More -
सौपे गये थे हमें जो दस्तावेज
सौपे गये थे हमें जो दस्तावेज हमने जिन्हें सँभाल कर रखने की कसम खायी थी जिन पर लिखा था हमारी [...] More -
यह कैसी विडम्बना होगी कि
यह कैसी विडम्बना होगी कि अंधों की जमात में शामिल होने के लिए तुम्हें भी अपनी आँखों फोड़नी होंगी अपंगों [...] More -
कैसे कहें किससे कहें नारी के जीवन की कथा
कैसे कहें किससे कहें नारी के जीवन की कथा । यह प्रश्न जब कोई उठाती लोग लेते अन्यथा । कोई [...] More -
हर व्यक्ति को समझाइये
हर व्यक्ति को समझाइये लहू का रंग एक है, मत भेदभाव बढ़ाईये लहू का रंग एक है इंसान को इंसान [...] More -
दर्दे दिल की किताब रहने दो
दर्दे दिल की किताब रहने दो ये मुसलसल अज़ाब रहने दो तुम से करती हूँ इल्तिजा इतनी मेरी आँखों में [...] More -
जब से उनकी नज़र हो गयी
जब से उनकी नज़र हो गयी हर खुशी हमसफ़र हो गयी राहे उल्फ़त में हर इक क़दम मैं तेरी रहगुज़र [...] More -
माथे बिंदी पाँव महावर
माथे बिंदी पाँव महावर लाज क घूँघट ओढ़ चलल, नाता रिश्ता नइहर वाला पल भर में ही गैर भयल। गुड्डा [...] More