Tag Archives: इरशाद अज़ीज़

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  • बेइंतहा प्यार पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    आख़िरी बार कब

    आख़िरी बार कब देखा था तुमने उसे या फिर उसने तुम्हें ठीक से सोच कर बताओ अगर नहीं मालूम तो पूछ लेना उसे वह सब याद रखता है मुस्कराता चेहरा हो या रोता हुआ खुद से नाराजगी हो या किसी और से मौसम की मार हो या किसी की याद उसे देखोगे तो याद आ [...] More
  • गुज़र गई ग़फ़लत में

    गुज़र गई ग़फ़लत में सांसों के आने-जाने के बीच झूलता रहा बिखरता रहा तेरे ख़याल की आंधी में और तू देखती रही मेरा तमाशा हर दौर में ज़िन्दगी तू भी तो मुकम्मल नहीं मेरे बग़ैर | - इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद [...] More
  • प्यार में सपना बनाने पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    एक सपना बुना था उसने

    एक सपना बुना था उसने मुझे बताये बिना मेरे होने में अपने होने का जबकि मैं अपने होने को तलाशता रहा उसके होने में अपने न होने की बेचैनी के साथ | - इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे [...] More
  • हर पल की तुम

    हर पल की तुम बात न पूछो कैसे गज़री रात न पूछो बाहर सब कुछ सूखा सूखा अंदर की बरसात न पूछो जिसको सुन के पछताओगे तुम मुझसे वो बात न पूछो दुनिया से तो जीत रहा हूँ ख़ुद से ख़ुद की मात न पूछो साहिल पे ही डूब गए वो कैसे थे हालात न [...] More
  • आदमी ख़ुद से

    आदमी ख़ुद से मिला हो तो ग़ज़ल होती है ख़ुद से गर शिकवा गिला हो तो ग़ज़ल होती है अपने जज़्बात को लफ़्ज़ों में पिरोने वालो डूब कर शे'र कहा हो तो ग़ज़ल होती है - इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की ग़ज़ल इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो [...] More
  • ज़िन्दगी के सफर पर ग़ज़ल, इरशाद अज़ीज़

    ज़िन्दगी जीना सिखाती है

    हर पल की तुम बात न पूछो कैसे गज़री रात न पूछो बाहर सब कुछ सूखा सूखा अंदर की बरसात न पूछो जिसको सुन के पछताओगे तुम मुझसे वो बात न पूछो दुनिया से तो जीत रहा हूँ ख़ुद से ख़ुद की मात न पूछो साहिल पे ही डूब गए वो कैसे थे हालात न [...] More
  • दर्द छुपता नहीं, इरशाद अज़ीज़

    ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा

    ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा ग़ैर तो होगा नहीं वो कोई अपना होगा चाँद को पाने की ज़िद्द उसकी बज़ा है लेकिन वो कोई दाना नहीं होगा तो बच्चा होगा हर क़दम चलके जो रूक जाता है तन्हा अक्सर अपने साये से यक़ीनन ही वो डरता होगा रू-ब-रू होने से क्यूँ डरते [...] More
  • इमाम हुसैन और कर्बला, इरशाद अज़ीज़

    रखते न थे किसी का कोई दिल में डर हुसैन

    रखते न थे किसी का कोई दिल में डर हुसैन बातिल के सामने हुए सीना सिपर हुसैन फ़ोजे यज़ीद को किया ज़ेरो ज़बर हुसैन ये आपका है आपका क़ल्बे जिगर हुसैन राहें वफ़ा में हम भी कटा दें ये सर हुसैन हम को अता हो आपका अज़मे सफ़र हुसैन सानी नहीं है आपका दुनिया में [...] More
  • कर्बला की जंग, इरशाद अज़ीज़

    ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता

    ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता है हमारा रास्ता सब्रो - रिज़ा का रासता देखना इब्ने अली शेरे ख़ुद का रास्ता राहे हक़ में सरफ़रोशी उर वफ़ा का रास्ता कर के क़ुरबां जान अपनी अहले हक़ समझा गए सब से अच्छा है यहाँ रब की रज़ा का रास्ता हो गया है क्या से क्या [...] More
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