जगमग होगी रातें सारी, दीपमालिका सज जाएगी। ऊँची-ऊँची अटालिकाएँ, रोशनी में खूब सज जाएगी। तब धरती के किसी कोने में, [...]
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उनके घर भी दीया जले
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जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ
जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ, हजारों गम लेकर भी मुस्कराया हूँ। ईश्वर ने ये अमूल्य जीवन दिया [...] More -
खेल नफरत का हम चलने नहीं देंगे
खेल नफरत का हम चलने नहीं देंगे, बेवक्त तो यह मौसम बदलने नहीं देंगे। बड़ी मशक्कत के बाद बस्तियों में [...] More -
मुझ पर भी अब मदहोशी छाने लगी
मुझ पर भी अब मदहोशी छाने लगी, मेरे घर ये हवा मैखानों से आने लगी। रात ढले अब तनहाईयाँ पसरने [...] More -
लोग मुझको दुनिया के बचकाने लगे
लोग मुझको दुनिया के बचकाने लगे, अंधेरों के लिए सूरज को धमकाने लगे। बंजर जमीं पर फसल उगाने की बात [...] More -
घर को बड़ी ही राहत मिली
घर को बड़ी ही राहत मिली, जब इन दीवारों को छत मिली। इक बहुत बड़ी मिल्कियत मिली, बच्चे को माँ [...] More -
कद परछाइयों के ही बड़े हुए हैं
कद परछाइयों के ही बड़े हुए हैं, नादां समझ रहे है कि हम बड़े हुए हैं। वो आसमान और इस [...] More -
फिर वही माझी खड़ा है फिर वही पतवार मेरी
कश्तियों ने आज तट से फिर मुझे गुंजन सुनाई फिर कोई ललकार तट की धारियों से छन के आयी सिंधु [...] More -
रूह हो तुम!
बड़ी हैरत में हूँ खाली कैनवास पर तो मन रेखाएँ खींच लेता है कूँचियाँ क्यों सहम जाती है उतर नही [...] More