धधकी कैसी आग वतन में मानवता का ज्वाला उठा राजनीति की देख कुटिलता जनमानस चीत्कार उठा मानव मन भर गयी [...]
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धधकी कैसी आग वतन में
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मातृभूमि के माला के मन के हैं हम
मातृभूमि के माला के मन के हैं हम स्नेह धागे में सब हैं पिरोए हुए जन्भूमि के उत्कर्ष हमें चाहिए [...] More -
इंसान और इंसान के बीच लकीरे खींचा करते हैं
इंसान और इंसान के बीच लकीरे खींचा करते हैं, घमंड के बीज को झूठी शान से सींचा करते हैं। मुंह [...] More -
हर एक मसले का जरूर कोई हल होगा
हर एक मसले का जरूर कोई हल होगा, झोपड़ी के ख्वाबो मे भी इक महल होगा। समंदर से शांत नजर [...] More -
दावा था राज करने का, जिनका जहान पर
दावा था राज करने का, जिनका जहान पर वो सो रहे हैं हार कर, अपने मकान पर जो लोग अपने [...] More -
बच्चा जवां हुआ है, गोदी में जिसकी पल के
बच्चा जवां हुआ है, गोदी में जिसकी पल के है देखता उसी को, तेवर बदल-बदल के माँ के कदम के [...] More -
दिल को गुमराह कर सकें
हम तो मुस्कुराते हैं कि दिल को गुमराह कर सकें, बहुत गुमान है इसे कि ये इशारों पे नचा सकता [...] More -
उसकी नज़रें
उसकी नज़रों ने जब छुआ हज़ार स्पर्शों से ज़्यादा छुआ उसके होठों ने जब इकरार किया हज़ार वादों से ज़्यादा [...] More -
आती रही दुश्वारियाँ, सजी रही क्यारियाँ
आती रही दुश्वारियाँ सजी रही क्यारियाँ वक्त हमें सिखाता रहा करते रहे नादानियाँ अपने हाथ में परवरिश बुलाते रहे बीमारियाँ [...] More