Tag Archives: जगदीश तिवारी

  • नई जगह पर आ गया

    नई जगह पर आ गया नई मिली है राह अब पूरी करनी मुझे दबी हुई सब चाह हिम्मत औ; विश्वास [...] More
  • मोबाइल पर दोहा, जगदीश तिवारी

    मोबाइल ने गाँव में

    मोबाइल ने गाँव में जब से किया प्रवेश देखो सारे गाँव का बदल गया परिवेश अपनापन हँसता नहीं झूठे सब [...] More
  • हरियाली पर दोहा, जगदीश तिवारी

    खूब लगायें पेड़

    खूब लगायें पेड़ हम हो पेड़ो की छाँव हरियाली हँसने लगे हँसे हमारे गाँव आन मान से सब रहें रखें [...] More
  • सूरज की किरणें

    सूरज की किरणें हंसी हँसने लगा पलास देख धरा का रूप ये नाच रहा आकाश छम छम छम पायल बजी [...] More
  • एकता पर दोहा, जगदीश तिवारी

    भाई कैसे हो गये हम

    भाई कैसे हो गये हम इतने मजबूर अपनों से ही हम नहीं खुद से भी हैं दूर कुछ तो ऐसा [...] More
  • मतलब पर दोहा, जगदीश तिवारी

    मैं धरती बनकर रहूँ

    मैं धरती बनकर रहूँ तू बन जा आकाश तेरे मेरे बीच में बनी रहे इक प्यास ठुमक ठुमक गोरी चले [...] More
  • विश्वास पर दोहा, जगदीश तिवारी

    फागुन में उड़ने लगा

    फागुन में उड़ने लगा सजना लाल गुलाल दूर खड़ा क्यों पास आ मुखड़ा कर दे लाल फागुन के इस रंग [...] More
  • करने को तो कर गया

    करने को तो कर गया सबसे दो दो हाथ भाई ! अब तू चाहता सब दें तेरा साथ दुर्गुण सारे [...] More
  • भरस्टाचार पर दोहा, जगदीश तिवारी

    दो पंक्ति में ही करे

    दो पंक्ति में ही करे दोहा अपनी बात पोल सभी की खोलता देता सबको मात शब्दों से अनुबन्ध कर मीत [...] More
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