
दीपा पन्त 'शीतल'
उदयपुर की दीपा पन्त जी उम्दा कवयित्री हैं, उनके गीतों व कविताओं में गहरे भाव होते हैं। सुरीले कंठ की स्वामिनी दीपा जी की आवाज में माँ सरस्वती विराजित हैं। अपने गीतों से वो श्रोताओं का दिल जीत लेती हैं। एक लेखिका के साथ-साथ वे समाजसेविका भी हैं। वे वर्षों से लावारिस व बेसहारा पशुओं के संरक्षण, उनकी चिकित्सा सहायता और पुनर्वास के लिए तत्पर हैं।
पूर्ण नाम: दीपा पन्त
साहित्यिक उपनाम: ‘शीतल’
जन्म तिथि: 31.01.1979
जन्म स्थान: बीकानेर, राजस्थान
वर्तमान पता/स्थाई पता: 3 क 57, हिरण मगरी सेक्टर 5, प्रभात नगर, विनायक मार्ग, उदयपुर (राजस्थान)
पूर्ण शिक्षा: एम.ए संस्कृत एवं अंग्रेजी, बी.एड
विशेष योग्यता: आकाशवाणी बीकानेर द्वारा आकस्मिक उदघोषक के रूप में चयनित।
कार्यक्षेत्र: अध्यापन, लेखन और पशु सेवा।
सामाजिक गतिविधि: पशु चिकित्सा कार्य व उनके लिए सेवा कार्य यथा भोजन, देखभाल स्वयं सेवक के रूप में। पशुओं के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए विशेष अभियान चलाना व लोगों को चिकित्सा और देखभाल संबंधित जानकारी देना।
विशेष आवश्यकता वाले और निम्न सामाजिक स्तर वाले बच्चों की हर माह भोजन स्टेशनरी व जरूरी सामान देकर सहायता, उनके साथ समय बिताना।
सांस्कृतिक गतिविधि: विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गायन और संचालन, (एंकरिंग)
ब्लॉग: मी एन माय इनोसेंट स्ट्रीट फ्रेंड्स (me n my innocent street friends) ( फेसबुक पेज) जिस पर पशुओं से संबंधित प्रश्नों का समाधान भी प्राप्त कर सकते हैं।
लेखन विधा: कविता, लघु कथा।
रचना प्रकाशन: राइजिंग स्टेप पत्रिका इंदौर, पच्छयाणं उत्तराखंड समाज पत्रिका, उदयपुर, उत्तराखण्ड टाइम्स पत्रिका ब्यावर, हिंदी भाषा.कॉम में। कुछ रचनाएं प्रकाशनाधीन।
निराला उत्तराखंड पत्र जयपुर तथा हनुमान गढ़ के पत्र में सामाजिक व पशु सेवा कार्यों पर लेख प्रकाशित
मोबाइल /व्हाटस ऐप: 7014999582
लेखनी का उद्धेश्य: साहित्यिक व सामाजिक सेवा।
प्रेरणा: माता जी और पिता जी।
प्राप्त सम्मान: सामाजिक सेवा और सांस्कृतिक कार्यों के लिए म्यूजिकल इमोशन और परंपरा ग्रुप बीकानेर द्वारा तथा उत्तराखंड समाज उदयपुर द्वारा सम्मानित।
भागीदारी: कवि सम्मेलनों व काव्य गोष्ठियों में काव्य पाठ।

