गोविन्द व्यथित

गोविन्द व्यथित

वाराणसी के गोविन्द व्यथित जी विख्यात वरिष्ठ कवि हैं जिनकी कविताओं में सामाजिक कुरीतियों के प्रति व्यथा व आक्रोश दिखाई देता है। वे वर्षों से साहित्य सेवा में लीन है और अनगिनत रचनाओं का सृजन कर चुके हैं। उनकी कविताओं से उनके विलक्षण सोच और सधे लेखन का अंदाजा लगाया जा सकता है।

नाम: गोविन्द लाल

साहित्यिक उपनाम: व्यथित

पिता: स्व. भगवान दास

माता: स्व. चम्पा देवी

जन्म तिथि: 12 सितम्बर, 1951

जन्म स्थान: जे 24/36, ख़्वाजापूरा, जैतपुरा, वाराणसी, उतर प्रदेश – 221001

शिक्षा: एम ए, बी एड, साहित्य रत्न

कार्यक्षेत्र: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में 1974 में स्टेशन मास्टर के रूप में नियुक्त होने के बाद विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए 30 सितम्बर 2011 को सेवा निवृत्त

साहित्य साधना: वाराणसी चौकाघाट के नवयुग विद्या मंदिर में कक्षा 9 के छात्र काल से आरम्भ करके अब तक साहित्य से जुड़ाव।

प्रेरक: स्व: माँ, स्व: पंडित पारसनाथ मिश्र ‘सेवक’ और अनेक गुरुजन।

रचनायें:

  • त्रिलोचन शास्त्री जी द्वारा सम्पादित ‘संतुलन’ वाराणसी से सात कवियों की सात-सात रचनाओं का नया ‘सप्तक’ और प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित ‘नई काव्य प्रतिभायें’ में रचनाओं को स्थान।
  • ‘जिन्दगी बनाम रोटी’- 2015 में सरदार पब्लिकेशन, कोलकाता से प्रकाशित काव्य संग्रह।
  • ग़ज़लों का संकलन प्रस्तुत करने की योजना

प्रसारण/प्रकाशन: आकाशवाणी ‘वाराणसी’ से, प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित, समय-समय पर कवि-गोष्ठियों और कवि सम्मेलनों में कविता पाठ करना

संपर्क: 9336336301, 9026843517

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