डॉ. इक़बाल 'सागर'

डॉ. इक़बाल 'सागर'

डॉ. इक़बाल ‘सागर’ जी भारत देश के एक विशिष्ट शायर व ग़ज़लकार हैं और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से सेवानिवृत हैं। वे उदयपुर के रहने वाले हैं और ‘तामीर सोसाइटी’ के संस्थापक हैं। उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और उनकी रचनाओं में समाज के हर वर्ग की पीड़ा दिखाई देती है। गज़ल, गीत, नज़्म और मुक्तक सभी तरह के लेखन में उनका वर्चस्व है।

ऑल इंडिया व ऑल राजस्थान मुशायरों व राज्य स्तरीय कवि सम्मेलनों में सागर जी की सहभागिता होती रहती है। दूरदर्शन और आकाशवाणी में भी उनकी रचनायें समय समय पर प्रसारित होती रहती हैं। नए और उभरते हुए शायरों की हौसला अफजाई और प्रोत्साहन करने व उनको काव्य मंच तक लाने में इक़बाल जी का प्रशंसनीय योगदान है। वे अनुभवी परामर्शदाता एवं मार्गदर्शक हैं।

नाम: इक़बाल ‘सागर’

शिक्षा: एम. ए. उर्दू, सोशियोलॉजी, अदीब कामिल

पुस्तकें: इक़रा, हय्या: अलल फ़लाह, सौग़ात, साहिल साहिल बिखरे मोती

सम्मान: गोल्ड मेडल हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, सोश्यो कल्चर अवार्ड अमन कमेटी

गतिविधियां: उर्दू-हिंदी के प्रथम पंक्ति वाले पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन, स्थानीय एवं आल इंडिया मुशायरों व कवी सम्मेलनों में नियमित शिरकत, आकाशवाणी और दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों में नियमित प्रसारण

पता: ‘सागर मंज़िल’ मिल्लत नगर, 80 फीट रोड, मस्जिद के पीछे, सज्जननगर रोड, उदयपुर

दूरभाष: 9636732742

Nasir Banarasi
डॉ. इक़बाल ‘सागर’ जी को समर्पित नसीर बनारसी जी की कुछ पंक्तियाँ –

जन-जन की सेवा में बसा अपना वजूद
कतरे-कतरे में जैसे सागर का वजूद

नसीर बनारसी
अकबर खान 'शाद'
डॉ. इक़बाल ‘सागर’ जी, देश के बेहद ही उम्दा और रचनात्मक शायर हैं। आप जिंदगी की हक़ीक़तों के शायर है। आपके ग़ज़ल में साहित्य के प्रति निष्ठा और ईमानदारी झलकती है। आप अपनी ग़ज़लों के माध्यम से उर्दू का परचम फहराने वाले गीतकार है। आपके विषय के लपेटे का घेरा बहुत बड़ा है। डॉ. इक़बाल ‘सागर’ को सरसरी नज़र से नहीं पढ़ा जा सकता है।
अकबर खान 'शाद'

काव्य मंचों पर प्रस्तुति देते हुए