पी एल बामनिया

पी एल बामनिया

पी एल बामनिया जी लोकप्रिय एवं बहुआयामी रचनाकार हैं जिनकी लेखन कला वृहद है। वे अपनी रचनाओं द्वारा विविध विषयों पर तीखा व सधा हुआ प्रहार करते हैं। उनकी कविताएँ इंद्रधनुषी रंगों से सुसज्जित होती हैं जिनमें जहाँ एक तरफ सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग व आक्रोश दिखता है वहीं दूसरी ओर देश, समाज व नई पीढ़ी के लिए सकारात्मक एवं प्रेरणादायक बातें होती हैं। उनका रचनाओं को प्रस्तुत करने का अंदाज़ निराला है, कभी वो श्रोताओं को हँसा देते हैं तो कभी अपने गहरे भावपूर्ण रचनाओं से सोचने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसे हरफनमौला और बहुमुखी प्रतिभा के धनी रचनाकार विरले ही मिलते हैं।

नाम: प्रभु लाल बामनिया

मूल निवास: गाँव घाटोल, जिला बांसवाडा (राजस्थान)

वर्तमान निवास: वी आई पी कोलोनी उदयपुर

व्यवसाय: अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी उदयपुर, (Additional RTO UDAIPUR )

शिक्षा: बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, कोटा से 1993

विशेष उपलब्धियाँ:

  • RAS 2001 batch
  • 1994 से 1995 तक राजकीय पोलीटेक्नीक महाविद्यालय चित्तौड़ मे लेक्चरर रहते अध्यापन कार्य किया।
  • 1995 से 2001 तक राज्य विद्युत मंडल में अभियंता के रूप मे पदस्थापित रहा।
  • 2001 प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से RAS राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर उदयपुर मे पदस्थापित। राजस्थान के 16 जिलों में अब तक जिला परिवहन अधिकारी पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
  • साहित्य में गहरी रूची। अब तक उनकी बहुत सी ग़ज़लें एवम् कविताएँ प्रकाशन के इंतजार में हैं। साम्प्रदायिक एकता के प्रबल समर्थक हैं और जातिवाद के विरुद्ध लगातार संघर्षरत हैं। सभी मानव के एक होने का कविताओं के माध्यम से संदेश देने का प्रयास।
  • आकाशवाणी उदयपुर से 18 वर्ष की उम्र मे पहली कहानी प्रसारित हुईं।
अकबर खान 'शाद'
प्रभु लाल बामनिया जी की लेखनी में बरसों की अनथक मेहनत से अर्जित अद्वितीय शब्दावली देखने को मिलती है। किसी ने सही कहा है ‘तारीफ झोली फैलाने से हासिल नहीं होती, उसको कमाना पड़ता है’, ये कथन बामनिया जी के लिए उपयुक्त है। उन्हें शब्दों का जादूगर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। लगभग सभी विषयों पर उन्होंने एक से बढ़कर एक रचनाएँ लिखी हैं।
अकबर खान 'शाद'

पी एल बामनिया जी की रचनाएँ

बामनिया जी के बेहतरीन ग़ज़लों, गीतों, नज़्मों व कविताओं का संग्रह जहाँ आप उनके ख्यालों को शब्दों की जुबानी पढ़ सके हैं।

एकता खान
सामाजिक कुरीतियों व देश के बिगड़ते हालात पर बामनिया जी व्यंग्य के माध्यम से सच्ची व तीखी बातें बड़ी सहजता और सरलता से कह जाते हैं जो समाज के लिए एक आईने का काम करती है। समाज के परिवर्तन और देश की बेहतरी के लिए कलम चलाना साहसपूर्ण कार्य है और मैं आपको इसके लिए तहे दिल से मुबारकबाद देना चाहूंगी।
एकता खान

काव्य मंचों पर प्रस्तुति देते हुए

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