आँखों में रोके हैं सागर हमने कई ज़ख़्म दिए हैं हमको तुमने कई भूल बैठे हो चाहत की बातें सभी मुझसे वादे किए थे तुमने कई याद आती हैं दिलकश शामें सभी ख़्वाब देखे थे मिलके हमने कई ग़ैर के साथ देखू जो तुमको कभी दिल में तूफ़ान रोके हैं हमने कई ख़ुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी आरज़ू कर दिए क़ुर्बां हमने कई – एकता खान बेवफाई पर ग़ज़ल हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
वादे किए थे तुमने कई
आँखों में रोके हैं सागर हमने कई
ज़ख़्म दिए हैं हमको तुमने कई
भूल बैठे हो चाहत की बातें सभी
मुझसे वादे किए थे तुमने कई
याद आती हैं दिलकश शामें सभी
ख़्वाब देखे थे मिलके हमने कई
ग़ैर के साथ देखू जो तुमको कभी
दिल में तूफ़ान रोके हैं हमने कई
ख़ुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
आरज़ू कर दिए क़ुर्बां हमने कई
– एकता खान
बेवफाई पर ग़ज़ल हिंदी में
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