तू नज़र कुछ तो मिला तेरा इशारा चाहिए रूठकर मत जा सनम तेरा सहारा चाहिए आदमी बनकर रहूँगा ये मेरा वादा रहा साथ मुझको ओ सनम केवल तुम्हारा चाहिए चाँदनी बनकर हँसो मेरी ग़ज़ल के शेर में शेर मुझको ओ सनम ऐसा करारा चहिए ज़िन्दगी हँसने लगे ऐसा करूँ मैं काम कुछ देखने को अब मुझे ऐसा नज़ारा चाहिए दूरियाँ जो दूर कर दे मुझ से जो तेरी सनम अब मुझे ‘जगदीश’ सा कोई दुलारा चाहिए – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी के ग़ज़ल जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
तू नज़र कुछ तो मिला
तू नज़र कुछ तो मिला तेरा इशारा चाहिए
रूठकर मत जा सनम तेरा सहारा चाहिए
आदमी बनकर रहूँगा ये मेरा वादा रहा
साथ मुझको ओ सनम केवल तुम्हारा चाहिए
चाँदनी बनकर हँसो मेरी ग़ज़ल के शेर में
शेर मुझको ओ सनम ऐसा करारा चहिए
ज़िन्दगी हँसने लगे ऐसा करूँ मैं काम कुछ
देखने को अब मुझे ऐसा नज़ारा चाहिए
दूरियाँ जो दूर कर दे मुझ से जो तेरी सनम
अब मुझे ‘जगदीश’ सा कोई दुलारा चाहिए
– जगदीश तिवारी
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