विनय साग़र जायसवाल

विनय साग़र जायसवाल

विनय कुमार जायसवाल उर्फ़ विनय साग़र जायसवाल जी बरेली के रहने वाले हैं और पेशे से पत्रकार हैं। उनकी गिनती वरिष्ठ एवं यशस्वी कावियों एवं रचनाकारों में होती है। उनकी शेरो शायरी का अंदाज़ बेहद जुदा है और सुनने वालों पर गहरा प्रभाव छोड़ती है।

नाम: विनय कुमार जायसवाल

उपनाम: विनय साग़र जायसवाल

व्यवसाय: पत्रकारिता

राष्ट्रीयता: भारतीय

विधा: गज़ल, नज़्म, गीत

पता: 846,शाहबाद , गोंदनी चौक बरेली 243003

दूरभाष: 7520298865

विनय साग़र जायसवाल जी को समर्पित नसीर बनारसी जी की कुछ पंक्तियाँ –

Nasir Banarasi
रौशनी नीलाम न होने दूंगा
अँधेरा कायम रहे ये न होने दूंगा
वफ़ा के नाम पे चलती ये जिंदगी
इसे हरगिज़ न बेवफ़ा होने दूंगा
नसीर बनारसी

नामवर शायर विनय सागर जी की उम्दा लेखनी की प्रशंसा में कुछ शब्द -

आदरणीय विनय सागर ये वो नाम है जिसे शेरो शायरी की दुनिया में हर कोई बहुत इज्जत के साथ लेता है। इनकी ग़ज़लों में वो गहराई होती है कि मैं जब जब पढ़ता हूँ अचंभित हो जाता हूँ। इनके ज्ञान के भंडार का तो कोई जवाब ही नहीं है। विनय सर ग़ज़ल की एक पाठशाला की तरह हैं।

मेरे और मेरे जैसै सैकड़ों लोगों के लिए सागर सर गुरू की तरह हैं। हमेशा सब की सहायता को तैयार रहते हैं। कितने ही समूह ऐसे हैं जहाँ विनय सर ग़ज़ल की बारीकियाँ सिखाने का काम करते हैं। मेरी नज़र में विनय सर का पूजनीय स्थान है। ईश्वर विनय सर को सलामत रखे और वे हम सभी का मार्गदर्शन यूँ करते रहें यही ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।

हीरालाल यादव (मुंबई)

मैं श्री विनय सागर जी की शायरी लगभग एक वर्ष से पढ़ रहा हूँ। पहली बार ही पढ़ने पर इनके उस्ताद होने का प्रमाण मिल गया था।

हर बार वे मुझे आश्चर्यचकित कर देतें हैं कि एक ही समय में आला दर्ज़े की ग़ज़ल कहना, उसी वक्त इस्लाह के अनुरोध पर औरों की ग़ज़लों को व्यवस्थित कर देना, कमाल की कीमियागरी लगती है।

मैं उनका शैदाई हूँ और उनके शुभ के लिये सदैव ही प्रार्थना करता हूँ।।

अशोक पारधी ‘पंवार’, गोंदिया महाराष्ट्र

आप बहुत ही अच्छे ग़ज़लकार हैं, बेहतरीन इंसान हैं बहुतों को ग़ज़ल सिखायी है एक सरल समर्पित व्यक्तित्व है आपका, वगैरह, वगैरह, मैं ये सब नहीं कहूँगी

क्योंकि यह बात तो आप भी जानते हैं और आपके बेशुमार प्रशंसक भी जानते हैं,

फिर मैं क्या कहूँ…

आप वो हैं, जिसने जितना अपने उस्ताद से पाया, उससे सौगुना बढ कर ग़ज़ल की दुनिया को दिया, आप कभी त्रुटियां निकालते हैं, कभी समीक्षा करते हैं, आप कई लोगों को निष्पक्ष इस्लाह करते हैं, समझाते और सिखाते हैं इसी गुण के कारण सभी आपके मुरीद हो गये हैं।

हज़ारों पाठक तो यूँ ही आपकी रचनाओं को पढ कर सीखते हैं।

वो गीत हों, ग़ज़ल हों या कोई और विधा हो, आपका सरल व्यक्तित्व उसमें आईने की तरह साफ़ दिखता है।

हो सकता है आपके जीवनकाल में आपको वो रुतबा न मिले जो आज के अदब में आपका हासिल हो, पर ग़ज़ल और अदब की तवारीख़ जब भी लिखी जायेगी वो आपके बिना कभी मुकम्मल नहीं होगी।

लिखा नही कभी भी ख़त तेरे नाम जो
वो आज मुख्तसर है इस पयाम में
साग़र तू करिश्मा है, बाकमाल है
नामे खुदा है शामिल तेरे नाम में

सुनीता लुल्ला

उस्ताद मोहतरम विनय साग़र जायसवाल साहब ग़ज़ल व गीत दोनों को बेहतरीन तरीके से कहने की सलाहियत रखते है। उनकी ग़ज़लें भाव शिल्प व्याकरण हर दृष्टि से आलातरीन होती है कम शब्दों में बेहतरीन ख्याल कहना आपकी खासियत है ,आपकी शायरी में अनेक रंग व समाज का व्यापक स्वरूप देखने को मिलता है।

अदब की दुनिया में जनाब विनय साग़र जायसवाल साहब का नाम एक चमकदार सितारे की तरह है और वह कई पत्रिकाओं का संपादन का कार्य बड़ी कुशलता से कर रहे है। नवांकुरों (नये शायरों ) की ग़ज़लो की इस्लाह भी करते हैं।

आज के दौर में वे लगभग 5, 6वोट्स अप ग्रुप में नियमित इस्लाह का काम बड़ी कुशलता से कर रहे हैं। वरिष्ठ ग़ज़लकार हैं। उनका बड़ा लम्बा अदबी सफ़र है। विनय दा की ग़ज़लें पढ़कर हम बहुत कुछ सीख रहे हैं। विनय साग़र साहब नाम के अनुरूप स्वभाव के है मैं उन्हें तहेदिल से बहुत बहुत शुभकामनाएं व मुबारकबाद प्रेषित करता हूं।

संदेश जैन बाँसबाड़ा (राज)

आदरणीय श्रीमान विनय सागर जी, अपनेआप में एक मुकम्मल शख्सियत हैं। मैं श्री विनय सागर जी को गुरु के रूप में करबद्ध नमन करती हूँ। अपितु मैं ही नही उभरती हुई शख्सियतों के लिए सागर साहब पारस जैसे हैं।

किसी भावहीन कलमकार को भी इतनी सरलता से ग़ज़ल सिखा दें जैसे कोरे कागज पर रंग बिखेरना। आज बहुत से ऐसे ग़ज़ल कार हैं जो सागर साहब की कोशिशों से ही तराशे गए है।

बहुत ही सरल स्वभाब व् व्यक्तित्व के मालिक साग़र साहब ग़ज़लक