विनय साग़र जायसवाल

विनय साग़र जायसवाल

विनय कुमार जायसवाल उर्फ़ विनय साग़र जायसवाल जी बरेली के रहने वाले हैं और पेशे से पत्रकार हैं। उनकी गिनती वरिष्ठ एवं यशस्वी कावियों एवं रचनाकारों में होती है। उनकी शेरो शायरी का अंदाज़ बेहद जुदा है और सुनने वालों पर गहरा प्रभाव छोड़ती है।

नाम: विनय कुमार जायसवाल

उपनाम: विनय साग़र जायसवाल

व्यवसाय: पत्रकारिता

राष्ट्रीयता: भारतीय

विधा: गज़ल, नज़्म, गीत

पता: 846,शाहबाद , गोंदनी चौक बरेली 243003

दूरभाष: 7520298865

विनय साग़र जायसवाल जी को समर्पित नसीर बनारसी जी की कुछ पंक्तियाँ –

Nasir Banarasi
रौशनी नीलाम न होने दूंगा
अँधेरा कायम रहे ये न होने दूंगा
वफ़ा के नाम पे चलती ये जिंदगी
इसे हरगिज़ न बेवफ़ा होने दूंगा
नसीर बनारसी

नामवर शायर विनय सागर जी की उम्दा लेखनी की प्रशंसा में कुछ शब्द -

आदरणीय विनय सागर ये वो नाम है जिसे शेरो शायरी की दुनिया में हर कोई बहुत इज्जत के साथ लेता है। इनकी ग़ज़लों में वो गहराई होती है कि मैं जब जब पढ़ता हूँ अचंभित हो जाता हूँ। इनके ज्ञान के भंडार का तो कोई जवाब ही नहीं है। विनय सर ग़ज़ल की एक पाठशाला की तरह हैं।

मेरे और मेरे जैसै सैकड़ों लोगों के लिए सागर सर गुरू की तरह हैं। हमेशा सब की सहायता को तैयार रहते हैं। कितने ही समूह ऐसे हैं जहाँ विनय सर ग़ज़ल की बारीकियाँ सिखाने का काम करते हैं। मेरी नज़र में विनय सर का पूजनीय स्थान है। ईश्वर विनय सर को सलामत रखे और वे हम सभी का मार्गदर्शन यूँ करते रहें यही ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।

हीरालाल यादव (मुंबई)

मैं श्री विनय सागर जी की शायरी लगभग एक वर्ष से पढ़ रहा हूँ। पहली बार ही पढ़ने पर इनके उस्ताद होने का प्रमाण मिल गया था।

हर बार वे मुझे आश्चर्यचकित कर देतें हैं कि एक ही समय में आला दर्ज़े की ग़ज़ल कहना, उसी वक्त इस्लाह के अनुरोध पर औरों की ग़ज़लों को व्यवस्थित कर देना, कमाल की कीमियागरी लगती है।

मैं उनका शैदाई हूँ और उनके शुभ के लिये सदैव ही प्रार्थना करता हूँ।।

अशोक पारधी ‘पंवार’, गोंदिया महाराष्ट्र

आप बहुत ही अच्छे ग़ज़लकार हैं, बेहतरीन इंसान हैं बहुतों को ग़ज़ल सिखायी है एक सरल समर्पित व्यक्तित्व है आपका, वगैरह, वगैरह, मैं ये सब नहीं कहूँगी

क्योंकि यह बात तो आप भी जानते हैं और आपके बेशुमार प्रशंसक भी जानते हैं,

फिर मैं क्या कहूँ…

आप वो हैं, जिसने जितना अपने उस्ताद से पाया, उससे सौगुना बढ कर ग़ज़ल की दुनिया को दिया, आप कभी त्रुटियां निकालते हैं, कभी समीक्षा करते हैं, आप कई लोगों को निष्पक्ष इस्लाह करते हैं, समझाते और सिखाते हैं इसी गुण के कारण सभी आपके मुरीद हो गये हैं।

हज़ारों पाठक तो यूँ ही आपकी रचनाओं को पढ कर सीखते हैं।

वो गीत हों, ग़ज़ल हों या कोई और विधा हो, आपका सरल व्यक्तित्व उसमें आईने की तरह साफ़ दिखता है।

हो सकता है आपके जीवनकाल में आपको वो रुतबा न मिले जो आज के अदब में आपका हासिल हो, पर ग़ज़ल और अदब की तवारीख़ जब भी लिखी जायेगी वो आपके बिना कभी मुकम्मल नहीं होगी।

लिखा नही कभी भी ख़त तेरे नाम जो
वो आज मुख्तसर है इस पयाम में
साग़र तू करिश्मा है, बाकमाल है
नामे खुदा है शामिल तेरे नाम में

सुनीता लुल्ला

उस्ताद मोहतरम विनय साग़र जायसवाल साहब ग़ज़ल व गीत दोनों को बेहतरीन तरीके से कहने की सलाहियत रखते है। उनकी ग़ज़लें भाव शिल्प व्याकरण हर दृष्टि से आलातरीन होती है कम शब्दों में बेहतरीन ख्याल कहना आपकी खासियत है ,आपकी शायरी में अनेक रंग व समाज का व्यापक स्वरूप देखने को मिलता है।

अदब की दुनिया में जनाब विनय साग़र जायसवाल साहब का नाम एक चमकदार सितारे की तरह है और वह कई पत्रिकाओं का संपादन का कार्य बड़ी कुशलता से कर रहे है। नवांकुरों (नये शायरों ) की ग़ज़लो की इस्लाह भी करते हैं।

आज के दौर में वे लगभग 5, 6वोट्स अप ग्रुप में नियमित इस्लाह का काम बड़ी कुशलता से कर रहे हैं। वरिष्ठ ग़ज़लकार हैं। उनका बड़ा लम्बा अदबी सफ़र है। विनय दा की ग़ज़लें पढ़कर हम बहुत कुछ सीख रहे हैं। विनय साग़र साहब नाम के अनुरूप स्वभाव के है मैं उन्हें तहेदिल से बहुत बहुत शुभकामनाएं व मुबारकबाद प्रेषित करता हूं।

संदेश जैन बाँसबाड़ा (राज)

आदरणीय श्रीमान विनय सागर जी, अपनेआप में एक मुकम्मल शख्सियत हैं। मैं श्री विनय सागर जी को गुरु के रूप में करबद्ध नमन करती हूँ। अपितु मैं ही नही उभरती हुई शख्सियतों के लिए सागर साहब पारस जैसे हैं।

किसी भावहीन कलमकार को भी इतनी सरलता से ग़ज़ल सिखा दें जैसे कोरे कागज पर रंग बिखेरना। आज बहुत से ऐसे ग़ज़ल कार हैं जो सागर साहब की कोशिशों से ही तराशे गए है।

बहुत ही सरल स्वभाब व् व्यक्तित्व के मालिक साग़र साहब ग़ज़लकार के साथ साथ एक निपुर्ण गुरु के रूप में सभी के ह्रदय में विराजमान है। मैं ज़िया हिन्दवाल’ ‘गीत’ अपने गुरु की लम्बी उम्र और कामयाबी की दिल से दुआ करती हूँ। शुक्रिया सागर साहब

ज़िया हिन्दवाल ‘गीत’, देहरादून

आदरणीय विनय सागर जायसवाल जी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी एवं एक शानदार इंसान हैं। आप की साहित्य की हर विधा पर जबरदस्त पकड़ है,चाहे गज़ल की बात हो या गीतों की, क़ता की बात हो या नज्मों की,आप पर ईश्वर की विशेष कृपा है।

आप बहुत ही सरल हृदय हैं,आप के अनेकों शिष्य हैं जो आपके सानिध्य में सीख कर बहुत अच्छा कह रहे हैं।

आप वाट्सएप के माध्यम से भी बहुत सारे लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। आप बहुत से ग्रुप्स में सिखाने का काम भी कर रहे हैं जिससे विदेशों में बैठे लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं।

हेमंत कुमार शर्मा ‘दिल’

विनय सागर जायसवाल एक कोहना-मश्क कलमकार हैं। इनकी जितनी भी तारीफ़ की जाए बहुत कम है। शेर कहना और अदब लिखना इनकी जिन्दगी की इलामते हैं। इन के जज़्बों में तवानाई और तखय्युलात में रानाइ है। इस तरह सागर जी ऐक मुतहर्रिक फनकार हैं।

वो जिस खूबसूरत निगाह से दुनिया को देखते हैं, अपने कलम के हुनर से अपने खियालात को सफ्हे किर्तास कि जीनत बनाते हैं ।इतना ही नहीं वोह ऐक उस्ताद शायर हैं ।उनकी कलम से कई नये कलम्कार मुस्त्फीज हो चुके हैं और वर्तमान में भी ऊन से लाभान्वित हो रहे हैं।

जनाब का कई रिसालों के सम्पादक और सहायक सम्पादक के कार्य में भरपूर योगदान रहा है और वर्तमान में भी रहता है। और इस से बड़ी खूबी इल्म अरूज़ पर भी जनाब महारत रखते हैं। इसलिए इन्हें हरफनमौला सागर कहा जाये तो बेजा न होगा।

अहमद नदीम मोर्सन्डवी, कटिहार

अदब की दुनिया में आदरणीय विनय सागर साहेब जी को किसी परिचय की आवश्यकता नही है आप ग़ज़ल और गीत विधा सृजन के अप्रीतम क़लमकार हैं।

आपकी शायरी अत्यंत उच्च स्तर की होती है जिसमें अद्भुत अनुपम मनोभावों का प्रस्तुतीकरण होता है आपकी शायरी को पढ़कर पाठकों को असीम आनंद की अनुभूति महसूस होती है और उसके मुख से अनायास ही अपने आप तारीफ में वाह-वाह शब्द निकल पड़ते हैं।

माँ वीणापाणी की कृपा आप के ऊपर सदैव बरसती रहे। आपकी नायाब् शायरी का एक अदना सा मुरीद…

कालीचरण निगोते, जिला-होशंगाबाद, मध्यप्रदेश

परम आदरणीय गुरुदेव श्री विनयसागर जी के चरणों में भाव पुष्प सादर समर्पित

कारयित्री एवं भावयित्री प्रतिभा के धनी उस्ताद श्री विनयसागर जी लब्ध प्रतिष्ठ गीतकार एवं ख्यातिलब्ध शाइर और अरूज़दाँ हैं। आपकी शाइरी का अंदाज़-ए-बयाँ विलक्षण है, जो आमशायरों से आपकी अलग पहचान स्थापित करता है। आपकी शाइरी में ग़ज़लीयत और तग़ज़्ज़ल का पूर्ण समावेश मिलता है, जिसमें ज़ाहिरी के अलावा हक़ीक़ी अर्थ भी उछाल मारता है।

उस्ताद शाइर के रूप में आप ने अभूतपूर्व ख्याति अर्जित की है, आपका शाइरी के प्रति जुनून ही है कि आप कई व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से अनगिन ग़ज़लगो तैयार कर रहे हैं, व्यक्तिगत तौर पर भी अनेकों लोग आपसे शाइरी का हुनर सीखते हैं, मैं भी आपकी शिष्या हूँ, इस रूप में मैंने महसूस किया कि आपका ग़ज़ल कहने और सिखाने का तरीका बेहद प्रभावी है, जिससे अत्यल्प समय में लोग अच्छी ग़ज़ल कहने का हुनर प्राप्त कर लेते हैं, जब भी कोई मुरीद अच्छी ग़ज़ल कहता है, आप व्यक्तिगत तौर पर उसका उत्साहवर्धन करते हैं ।

ऐसे उस्ताद, गुरु, प्रेरणा ,मार्गदर्शक को मेरा शतश: नमन

नीलम सिंह, लखनऊ

दिल से निकले हुए अशआर सुना देते हैं,
हम ज़रा देर में दीवाना बना देते है।

ये मतला विनय सागरजी का ही है और उनके परिचय के लिए एकदम सही है। विनयजी अपने शेरो से पढ़ने और सुनने वालों को दीवाना बना देते है। विनयजी ने अपना जीवन साहित्य की साधना में लगाया है और ज्ञान बांटने से बढ़ता है, इस थ्योरी का अक्षरशः पालन किया है। शायद यही वजह है कि मां सरस्वती की कृपा विनयजी पर सदा बनी रही।

इनकी शायरी की खास बात है साधारण और कम शब्दों में गहरी बात कहने की सलाहियत। विनयजी अपने शेरो में अधिकांशतः आम बोलचाल के शब्द ही इस्तेमाल करते हैं और क्या बात कह जाते है। आज सोशल मीडिया के माध्यम से न जाने कितने नवांकुर विनयजी से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शायरी का क ख ग सीख रहे और नाम कमा रहे है।

माँ सरस्वती के ऐसे सच्चे सपूत को मैं शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ।

पंकज त्यागी ‘असीम’, रूड़की

शायरी का रौशन सितारा विनय सागर जायसवाल

शायरी करना आसान काम नही है और आम फ़हम ज़बान में उम्दा शायरी करना तो बेहद मुश्किल है। मगर बरेली की अदबी ज़मीन में जन्मे श्री विनय सागर जायसवाल ने इस मुश्किल काम को आसान कर दिखाया है।

विनय सागर जायसवाल साहब की शायरी इतनी उम्दा इतनी दिलकश और इतनी आम फ़हम ज़बान में है कि हर कोई समझ लेता है और लुत्फ़ अन्दोज़ होता है।विनय साहब अपनी शायरी से सामाइन के दिलों में उतरने का हुनर जानते हैं।विनय सागर साहब उस्ताद शायर हैं जो आज के दौर में निस्वार्थ भाव से अदब की ख़िदमत कर रहे हैं।

विनय सागर साहब के सैंकड़ो शागिर्द हैं जो उनसे शायरी का हुनर सीख रहे हैं और अपना और विनय सागर साहब का नाम रौशन कर रहे हैं। विनय सागर साहब की शायरी में सिर्फ हुस्न इश्क़ मिलन जुदाई ही नही बल्कि ज़िन्दगी का हर रंग मौजूद है।वतन परस्ती की बात हो या गाँव खेत खलिहान की विनय सागर साहब हर मौज़ू पर बहुत सलीक़े से अशआर कहते हैं।

विनय सागर साहब न सिर्फ उस्ताद शायर हैं बल्कि मुशायरों के मंच पर शानदार निज़ामत करने के लिए भी मशहूर हैं। उनका ये हुनर भी क़ाबिल ए तारीफ है कि अपने शागिर्दों की ग़ज़लों की इस्लाह वह उनकी ग़ज़ल पढ़ते पढ़ते ही कर देते हैं। कई बड़े शायर भी हैं जो विनय सागर साहब से शायरी के मुताल्लिक़ सलाह मश्विरा करते रहते हैं।

विनय सागर साहब में तकब्बुर नाम की कोई चीज़ नही है।वह विनम्रता से अदब की ख़िदमत कर रहे हैं।इसमें कोई शक़ नही कि विनय सागर जायसवाल साहब शायरी की दुनिया का रौशन सितारा हैं जिनसे सैंकड़ो नये पुराने शायर फैज़याब हो रहे हैं।

ताहिर मलिक रामपुरी, रामपुर मनिहारान ज़िला सहारनपुर यूपी

जनाब विनय सागर जयसवाल जी, शायरी की दुनिया का एक ऐसा नाम है जिसे हर वो खासो-आम जानता है जो किसी भी तरह से इस दुनिया से जुड़ा हुआ है। आप न जाने कितने सम्मान से नवाज़े गए हैं। अनगिनत समारोह की शान बढ़ा चुके हैं।

अदबी शायरी का क्या मुकाम होता है या मुकम्मल शायरी क्या होती है यह जानने के लिए आप सागर, जी की शायरी से रूबरू हो जाएँ, बस। जनाब विनय सागर जयसवाल जी की शायरी का मयार इतना ऊँचा है कि जहाँ पहुंचने की ख्वाहिश हर शायर के दिल में छिपी होती है, भले उसे वो मुकाम हासिल हो या नहीं।आप एक ऐसे शिक्षक भी हैं जिनकी छत्रछाया में जाने कितने ‘आम’ ‘खास” हो गए।

ग़ज़ल मंच, शोरा, काव्य धाराहमारे कलमकार, राष्ट्रीय सखी साहित्य, साहित्य अनुसंधान मंच समेत न जाने कितने मंचों पर उम्र के इस पड़ाव में भी वे वे इतने सक्रिय हैं कि अपेक्षाकृत युवा या प्रौढ़ बयस के हमारे जैसे शायर को भी रश्क होने लगे। वे इन मंचों पर लगातार नए-पुराने शायरों को ग़ज़ल कहने की तालीम भी दे रहे हैं।उनसे लाभान्वित होने वालों में दिल्ली विश्वविद्यालय का मुझ जैसा इतिहासकार शायर भी है।

बरेली के इस नामचीन शयार जनाब विनय कुमार जयसवाल ‘सागर’ जी से यद्यपि कि अभी हाल ही में मेरा परिचय हुआ है, परंतु उन्होने जिस तरह से मेरी कुछ ग़ज़लों को बेहतरीन बनाने में अपनी भूमिका निभाई है, उसके बरख्श मैं भी उनका मुरीद हो गया हूँ और उनके प्रति अपनी हार्दिक सादर कृतज्ञता प्रदर्शित करता हूँ। वैसे भी उनका स्नेह और आशीर्वाद मुझे निरंतर मिल रहा है जिसके लिए मैं खुद को खुशनसीब मानता हूँ।

जनाब सागर जी के बारे में तो कहने को बहुत कुछ है मग़र मैं नहीं उनके कुछ अशआर, जो मैं पेश कर रहा हूँ, खुद-ब-खुद बहुत उनकी शख्सियत बतौर शायर बहुत कुछ कह देंगे।पढ़िए और सुनिए इस महबूब शायर के कुछ अशआर।

तवज्जो चाहूँगा:

तुम्हारी शख़्शियत शामिल है इसमें हमनशीं वरना
ज़रा सी बात का इतना बड़ा चर्चा नहीं होता

प्यार के सिक्के बहुत हैं आज अपनी जेब में
हम ख़रीदेंगे जफ़ायें तुम दुकाँ बनकर रहो

गर यह ग़ुमान होता रहबर रक़ीब होंगे
राहों में रोक लेता रफ़्तार कारवाँ की

मुझे लगता है कि इन अशआरों को पढ़ने-सुनने के बाद अब कौन उनकी शायरी का कायल नहीं होगा।

मैं अपने इस अग्रज शायर बिरादर की लम्बी उमर की कामना करता हूँ और हिन्दी दिवस के अवसर पर आज दिल से दुअएँ देता हूँ कि वे इसी तरह की बेहतरीन शायरी से हिन्दी ग़ज़लों की दुनिया को रोशन करते रहें।

अमर पंकज (डॉ. अमर नाथ झा), दिल्ली विश्वविद्यालय

उर्दू गजल और शायरी की अगर हम बात करें तो विनय सागर साहब का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है वह गजल की दुनिया के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। यही बजह है वह बरेली शहर में ही नहीं अपितु पूरे मुल्क में अपनी पहचान बना चुके हैं। यह बड़े ही फक्र की बात है कि हिंदू घराने से ताल्लुक रखने के बावजूद वह उर्दू जुबान के अदीबों में शुमार होते हैं। उनकी शायरी के कायलों की गिनती करना मुश्किल होगा।

सबसे उम्दा बात जो मुझे इनकी शायरी में लगती है वह तहे दिल से लिखते हैं और इन्सानी नब्ज़ पकड़ने में माहिर हैं। उनकी शायरियों में दुनियावी इल्म के साथ साथ मोहब्बत के पाकीजा रंग भी बखूबी दिखाई पड़ते हैं। गजल के गणित को समझना हर किसी के बस की बात नही है। मगर विनय सागर साहब को जितना उन्हें पढ़ा जाए उतनी ही तिश्नगी बढ़ती जाती है। यह बात मैंने हर बार उन्हे पढ़ते वक्त महसूस की है। यही वजह है कि मैंने उनसे अक्सर उर्दू की तालीम लेने की कोशिश भी की है।

चूंकि मैं हिन्दी गद्द लिखती हूँ इसलिये ये मेरे लिये मुश्किल काम है। फिर भी मेरे लेखन में आपको उर्दू की छाप दिखाई पड़ ही जायेगी। ये सागर जी की शायरी के सोहबत का असर है। अंत में इतना ही कहूंगी, उनकी शायरी का अबद तक मुतालाह होता रहे और वह हम सब को अपनी इस दौलत से नवाजते रहें।

छाया अग्रवाल, बरेली

मिनारे ग़ज़ल, शायरी के सशक्त हस्ताक्षर श्री विनय सागर, बरेली।

रेल यंत्रालय, ईज्ज़तनगर, के अखिल भारतीय काव्य सन्ध्या में, हिन्दी सम्पर्क अधिकारी की हैसियत से, काव्य पाठ हेतु आमन्त्रित करने का सौभाग्य मिला था। उन्होंने शानदार शायरी प्रस्तुत की । उसी क्षण से मैं उनकी शायरी का मुरीद हो गया। उस के बाद, मेरे द्वारा आयोजित 30 से ऊपर काव्य संध्याओं में उन्होंने गजलों की बारिश कर श्रोताओं को सराबोर कर दिया।

इस के अतिरिक्त, शहर के विभिन्न गोष्ठियों में उनकी शायरी सुनता रहा और वाह वाह करने को अपने को रोक न सका।धीरे धीरे,कब सागर जी उस्तादे ग़ज़ल बन गए,पता ही नहीं चला ! आज व्हाट्सएप्प के जमाने में उनकी शायरी, उनको मिनारे ग़ज़ल़ की प्रशिद्धि दिला चुकी है! ईश्वर! सागर जी को दीर्घायु करें।

सी.एम.बादल, भू.पू हिन्दी सम्पर्क अधिकारी, रेलवे, इज़्ज़तनगर, बरेली

आदरणीय, विनय सागर जायसवाल जी

आपकी गज़लों के बारे में कुछ कहना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है फिर भी यही कहूँगी कि आपके नाम के अनुरूप ही आपके शेर सागर सम गहराई लिये हुए होतें हैं। आपकी पुरअसर ग़ज़लें शेर दर शेर पाठक में पढ़ने की उत्सुकता जगाती है।

सागर सर की शान में कुछ भी कहने के लिये अल्फाज कम ही पड़ेंगे फिर भी आपकी सबसे बड़ी खूबी है कि आप बात को मुकम्मल तौर पर कहतें हैं।आपकी गजलों के शेर रदीफ व काफिया के अलावा भी एक अदृष्ट भाव सें बंधे होते है,हर शेर का मजमून जुदा होते हुए भी आप पूर्वापर संबंध को इस इस खूबसूरती से निभा ले जाते हैं कि पाठक साथ साथ बहता चला जाता है।

आपकी रचनायें यह सिद्ध करती है कि आप शुद्ध संस्कृतनिष्ठ हिंदी व उर्दू दोनो जुबानों मे समान रूप से निष्णात हैं।

प्रेरणा मंत्री

आदरणीय विनय सागर जी, एक ऐसा नाम है जिसे , ग़ज़ल की गली से होकर गुजरने वाला हर शख्स जानता है। आपका सादगी पूर्ण व्यक्तित्व , सरल एवं सहज व्यवहार का हर कोई कायल है। विनय सर स्वयं एक शानदार शायर है , सर की गज़लें अपने आप में बेमिसाल होती हैं ,उनका एक एक शेर समंदर की गहराई से निकले मोती के मानिंद होता है,यही नहीं आपके गीत तो कमाल के होते हैं। गज़लकार होने के बावजूद हिंदी गीतों पर आपकी पकड़ अचंभित कर देती है।

साथ ही कई पत्रिकाओं में संपादन कार्य भी संभालते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी नये कलमकारों को इतनी मुहब्बत से सिखाते हैं कि सीखने को जी चाहने लगता है। सर तो कितने ही समूहों में लगातार नवांकुरों का मार्गदर्शन करते आ रहे हैं। उनका यह कहना , की तुम लिखो बाकी हम तो हैं ही , कलमकार का हौसला बढ़ा देता है। आप जैसे गुरु हों तो विद्यार्थी धन्य हो जाते हैं । हमारी खुशकिस्मती है कि आप हमें मिले। आपका आशीष एवं स्नेह हमपर सदैव बना रहे और आप का क़द और बढ़े यही हमारी शुभकामनाएं।

राजश्री तिवारी पांडे क़मर

मैं जनाब विनय सागर जयसवाल जी की शख्सियत के बारे में इतना ही जान पायी हूँ कि वो एक बेहतरीन शख्स हैं। क्यूँकि एक बेहतरीन शख्स ही बेहतरीन शायरी कर सकते हैं। आप की गज़लों में एक रूमानियत होती है एक रूहानियत होती है। इनकी शायरी में जहाँ आशिकाना अंदाज़ होता है वही सामाजिक मुद्दों पर करारी चोट होती है।

हर विधा में माहिर हैं। शेर तो गजब के कहते हैं। मुक्तक, कित्आ, नज़्म, कमाल की पकड़ है। विनय जी के साथ मैं खुद कई ग्रुप्स में जड़ी हुई हूँ। बड़ी खूबी से और एहतियात से लेखन कला की जानकारी देते हैं। मैं विनय जी का बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ।

सवीना वर्मा सवी

विनय सागर जी की शायरी वास्तव में उस पेड़ की तरह है जिसके निचे चलता हुआ मुसाफिर छाँव के लिए रुकता है। शायरी का शौक रखने वालों के लिए एक बहुत बड़ा पिलाम्बर है सागर जी। कई लोग उनसे शायरी का हुनर सीख रहे हैं। ये बरेली के लिए गौरव की बात है कि इस शहर में विनय सागर जी जैसा इल्मी शायर है।

नगमा बरेलवी

उस्तादे मोहतरम आपकी शायरी कमाल है। आप अदब की बगिया के वो फूल हैं जिनकी सुगंध ही निराली है। खुदा आपको लम्बी आयु दे।

नसरीन शामसी

विनय साग़र जी काव्य मंचों पर प्रस्तुति देते हुए

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