रस्में ताल्लुकात निभायें, तो किस तरह, भूलें हैं वो याद दिलायें, तो किस तरह । बेटे तो सभी बिक चुके हैं ऊंचे दामों पर, जलने से बेटियों को बचाएं, तो किस तरह । – डा विनोद कैमूरी डॉ. विनोद कुमार मिश्र ‘कैमूरी’ जी की बेटी पर मार्मिक कविता डॉ. विनोद कुमार मिश्र ‘कैमूरी’ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
जलने से बेटियों को बचाएं
रस्में ताल्लुकात निभायें, तो किस तरह,
भूलें हैं वो याद दिलायें, तो किस तरह ।
बेटे तो सभी बिक चुके हैं ऊंचे दामों पर,
जलने से बेटियों को बचाएं, तो किस तरह ।
– डा विनोद कैमूरी
डॉ. विनोद कुमार मिश्र ‘कैमूरी’ जी की बेटी पर मार्मिक कविता
डॉ. विनोद कुमार मिश्र ‘कैमूरी’ जी की रचनाएँ
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