खुबसूरत है जिंदगी बस अपना खयाल कर। रख खुशी का हर पल तसवीर मे ढाल कर।। बसंत के बाद पतझड़ भी आना लाजमी है, खुशियो के बीच मिलते गम का न मलाल कर। इस जहाँ मे हर कदम पर कांटे मिलेंगे, रखना कदम हमेशा ही अपना संभाल कर। इस पल जमी पर, अगले ही पल आकाश मे, अपने आवारा मन की थोडी देख भाल कर। जालिम जहाँ मे “प्रभु” दोस्त बेवफा मिलते है, मत रख तू इतना जल्द कलेजा निकाल कर। – पी एल बामनिया पी एल बामनिया जी की कविता पी एल बामनिया जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
खुबसूरत है जिंदगी
खुबसूरत है जिंदगी बस अपना खयाल कर।
रख खुशी का हर पल तसवीर मे ढाल कर।।
बसंत के बाद पतझड़ भी आना लाजमी है,
खुशियो के बीच मिलते गम का न मलाल कर।
इस जहाँ मे हर कदम पर कांटे मिलेंगे,
रखना कदम हमेशा ही अपना संभाल कर।
इस पल जमी पर, अगले ही पल आकाश मे,
अपने आवारा मन की थोडी देख भाल कर।
जालिम जहाँ मे “प्रभु” दोस्त बेवफा मिलते है,
मत रख तू इतना जल्द कलेजा निकाल कर।
– पी एल बामनिया
पी एल बामनिया जी की कविता
पी एल बामनिया जी की रचनाएँ
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One reply to “खुबसूरत है जिंदगी”
Onkar Kedia
सुन्दर रचना