हम किसी का बुरा नहीं करते दुश्मन से भी दग़ा नहीं करते कैसी ख़ुदग़र्जीओं में डूबे हैं फ़र्ज़ अपना अदा नहीं करते वो वफायें सिखा रहे है हमें जो वफायें पढ़ा नहीं करते जिनके दिल में हो नूर का दरिया तारीकी वो ज़रा नहीं करते जिनको चाहा है जान से ज़्यदा मेरे हक़ में दुआ नहीं करते ‘शाद’ का दिल से जो नहीं होता उससे शिकवा किया नहीं करते – शाद उदयपुरी शाद उदयपुरी जी की ग़ज़ल शाद उदयपुरी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
हम किसी का बुरा नहीं करते
हम किसी का बुरा नहीं करते
दुश्मन से भी दग़ा नहीं करते
कैसी ख़ुदग़र्जीओं में डूबे हैं
फ़र्ज़ अपना अदा नहीं करते
वो वफायें सिखा रहे है हमें
जो वफायें पढ़ा नहीं करते
जिनके दिल में हो नूर का दरिया
तारीकी वो ज़रा नहीं करते
जिनको चाहा है जान से ज़्यदा
मेरे हक़ में दुआ नहीं करते
‘शाद’ का दिल से जो नहीं होता
उससे शिकवा किया नहीं करते
– शाद उदयपुरी
शाद उदयपुरी जी की ग़ज़ल
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