लोग गोटी जमा लेते हैं नाम, शोहरत कमा लेते हैं कर्म फिर भी झलक जाते हैं लाख धूनी रमा लेते हैं योजना हम सिर्फ सुनते हैं सब मजे रहनुमा लेते हैं हर्ज नहीं इसके लेने में लीजिये सब अमां लेते हैं हौसलावर भले दुर्बल हों मगर चोटी नमां लेते हैं लोग मतलब निकल जाने पर देख नजरें घुमा लेते हैं – इक़बाल हुसैन “इक़बाल” इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
लोग गोटी जमा लेते हैं
लोग गोटी जमा लेते हैं
नाम, शोहरत कमा लेते हैं
कर्म फिर भी झलक जाते हैं
लाख धूनी रमा लेते हैं
योजना हम सिर्फ सुनते हैं
सब मजे रहनुमा लेते हैं
हर्ज नहीं इसके लेने में
लीजिये सब अमां लेते हैं
हौसलावर भले दुर्बल हों
मगर चोटी नमां लेते हैं
लोग मतलब निकल जाने पर
देख नजरें घुमा लेते हैं
– इक़बाल हुसैन “इक़बाल”
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ
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